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वसूलीबाज सिपाही लगा रहे 'खाकी' के दामन पर दाग

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : कभी खनन कारोबारियों से तो कभी सटोरियों से, कभी मादक पदा

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Oct 2017 02:09 AM (IST)Updated: Tue, 10 Oct 2017 02:09 AM (IST)
वसूलीबाज सिपाही लगा रहे 'खाकी' के दामन पर दाग
वसूलीबाज सिपाही लगा रहे 'खाकी' के दामन पर दाग

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : कभी खनन कारोबारियों से तो कभी सटोरियों से, कभी मादक पदार्थ बेचने वालों से तो कभी कच्ची अवैध शराब बेचने वालों से पुलिस कर्मियों की यारी सामने आती रही है। अक्सर लेन देन को लेकर पुलिस कर्मियों और इन कारोबारियों के बीच विवाद भी होता रहता है, जिसकी शिकायतें अधिकारियों के कानों तक पहुंच भी जाती हैं। इसमें किसी न किसी वरिष्ठ पुलिसकर्मी से जांच कराई जाती है। जांच रिपोर्ट पुलिस कर्मियों के पक्ष में हो जाती है और मामला टांय टांय फिस्स हो जाता है। उसके बाद पुलिस कर्मी फिर से तैयार हो जाते हैं वसूली के लिए। महानगर में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिनमें दोषी पुलिस कर्मियों को अभयदान दिया जा चुका है। इसके लिए दोषी पुलिस कर्मी कभी दबाव में तो कभी प्रभाव में पीड़ित के साथ समझौता करने को राजी हो जाते हैं। इतना ही नहीं पुलिस कर्मियों ने मुकदमों से नाम निकालने और धाराएं घटाने का सौदा भी शुरू कर दिया है। बीते दिनों एंटी करप्शन की टीम ने दो उप निरीक्षकों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उनमें एक उप निरीक्षक जेल से बाहर भी आ गया है और अब वह बहाली के लिए अधिकारियों के दफ्तरों में चक्कर लगा रहा है।

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पहला मामला :: बीते बुधवार का है। धीमरी निवासी राजकुमार ट्रक में रेत भरकर ला रहे थे। राजकुमार ने एसएसपी को बताया कि सुबह वह ट्रक लेकर जा रहे थे। मंडी चौकी के पास ट्रक लेपर्ड सवार दो सिपाहियों ने रोका, जिसमें एक का नाम मुकेश तथा दूसरे के नाम गजेंद्र था। रेत की रायल्टी और कागज देखने के बाद गालियां देनी शुरू कर दीं। राजकुमार ने एसएसपी को बताया कि दोनों सिपाहियों ने मारपीट कर उनकी जेब में रखे चार हजार रुपये छीन लिए। एसएसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पेशकार प्रदीप यादव को मामले की जांच के निर्देश दिए। छह दिन बाद भी आरोपी सिपाहियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।

दूसरा मामला :: कुछ दिन पहले दिल्ली निवासी स्क्रैप कारोबारी से लेपर्ड सवार दो सिपाहियों ने एक लाख रुपये से अधिक की रकम छीन ली थी। उसके बाद उन्हें दिल्ली की बस में बिठाकर रवाना कर दिया था। दिल्ली पहुंचकर जब कारोबारी ने मामले की जानकारी संगठन के लोगों को दी, तब मामले की गंभीरता से जाच की गई। जिसमें दोनों सिपाही दोषी पाए गए। चूंकि स्क्रैप कारोबारी लगातार अधिकारियों के संपर्क में थे, इसलिए दोनों सिपाहियों की जानकारी कर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।

तीसरा मामला :: 8 नवंबर 2016 की रात नोटबंदी हो गई थी। जिसके बाद बैंकों में करेंसी बदलने वालों की भीड़ लग गई थी। इसी दौरान लेपर्ड सवार दो सिपाहियों ने करेंसी बदलने आए लोगों से लाखों रुपये छीन लिए थे। चूंकि मामला दो नंबर की रकम का था, इस कारण पीड़ित ने भी कोई कार्रवाई नहीं की। इस तरह के मामले पाकबड़ा और अगवानपुर में अक्सर सामने आते रहते हैं। सुबह के समय बुग्गियों और टै्रक्टर ट्रालियों से वसूली करते हुए अक्सर पुलिस कर्मी देखे जाते हैं।

सभी मामलों में जांच चल रही है। रिपोर्ट आते ही गुणदोष के आधार पर कार्रवाई करेंगे। खाकी की छवि को खराब करने वालों को चिह्नित कर रहे हैं।

-डॉ. प्रीतिंदर सिंह, एसएसपी।


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