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नकल पर नकेल कसने को हर साल बदलें परीक्षा केंद्र

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद ने इस बार परीक्षाएं कराने में नए नियमों से वि

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Nov 2017 02:22 AM (IST)Updated: Tue, 21 Nov 2017 02:22 AM (IST)
नकल पर नकेल कसने को हर साल बदलें परीक्षा केंद्र
नकल पर नकेल कसने को हर साल बदलें परीक्षा केंद्र

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद ने इस बार परीक्षाएं कराने में नए नियमों से वित्तविहीन स्कूलों की चिंता बढ़ा दी है। नकल के ठेकेदार इस बार नकल कराने से बाज आएंगे। वित्तविहीन परीक्षा केंद्रों के प्रधानाचार्यो को केंद्र व्यवस्था बनाने की बजाए राजकीय इंटर कालेजों के प्रवक्ताओं को बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। पिछले सालों में नकल के मामले पकड़े जाने के बाद ही केंद्र व्यवस्थापक बदले जाते थे। लेकिन सवाल है कि जो वित्तविहीन कालेज हर साल परीक्षा केंद्र बनते आ रहे हैं, वह नकल कराने के आदि हो चुके हैं। इन परीक्षा केंद्रों को हर साल ही क्यों बनाया जाता है जबकि जिले में 406 कालेज हैं और इनमें परीक्षा कराने के मानकों पर भी लगभग 80 फीसद बताए जाते हैं तो फिर हर बार पुराने ही परीक्षा केंद्र क्यों बनते हैं। बोर्ड परीक्षा में नकल कराने में छात्राओं के सेल्फ सेंटर भी हैं। लेकिन सरकार ने सीसीटीवी लगवाना, प्रवेश पत्र के साथ आधार अनिवार्य कर दिया लेकिन नकल की मूल समस्या पर ध्यान नहीं दिया है। हालांकि शिक्षाविद सीसीटीवी व आधार अनिवार्य करने से नकल पर काफी हद तक अंकुश लगने से इन्कार नहीं कर रहे हैं।

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:इनसेट:

इस पर नकल पर नकेल के लिए तैयारी

1-सीसीटीवी हर कक्ष में लगाए जाएंगे।

2-प्रवेश पत्र के साथ आधार कार्ड लाना अनिवार्य होगा।

3-प्रयोगात्मक परीक्षाओं की सीसीटीवी फुटेज की सीडी बोर्ड को जाएगी।

4-पहले ही दिन परीक्षा केंद्रों पर आब्जर्वर तैनात रहेंगे।

5-सचल दलों को पिछले सालों की अपेक्षा और एक्टिव किया जाएगा।

6-फोटायुक्त नामावली से भी परीक्षार्थी की पहचान होगी।

7-वित्तविहीन परीक्षा केंद्रों के व्यवस्थापक बदले जाएंगे।

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वित्तविहीन स्कूलों में उन्हीं को हर साल परीक्षा केंद्र नहीं बनाना चाहिए। हर साल परीक्षा केंद्र बदलने से नकल कराने के ठेकेदारों को सबक मिलेगा।

डॉ.योगेंद्र सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, केजीके कालेज

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वित्तविहीन स्कूलों को हर साल बदलने से दिक्कतें आ सकती हैं। दूसरे स्कूल की केपेसिटी अगर नहीं है और मूल कालेज से दूरी अधिक है तो फिर कैसे हर साल परीक्षा केंद्र बदले जा सकते हैं।

मेजर डॉ.देवेंद्र सिंह, पूर्व प्रधानाचार्य, चित्रगुप्त

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वित्तविहीन स्कूलों के परीक्षा केंद्र हर साल बदलने से ही नकल पर अंकुश लगेगा। मूल कालेज की चारों दिशाओं में कोई न कोई स्कूल वर्तमान में हैं। सेल्फ सेंटर की व्यवस्था भी खत्म हो।

प्रीतम सिंह, प्रवक्ता, जीआइसी


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