अवैध बस्तियों को बसाने में जुटा एमडीए
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : अवैध निर्माण के खिलाफ प्राधिकरण साल में कई बार अभियान चलाता है। लेकिन इ
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : अवैध निर्माण के खिलाफ प्राधिकरण साल में कई बार अभियान चलाता है। लेकिन इसके बाद भी अवैध निर्माण का खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा है। देश की सभी शीर्ष अदालतों ने अवैध निर्माण को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं। लेकिन इसके बाद भी अवैध निर्माण का सिलसिला लगातार जारी है।
मौजूदा समय में शहर की आबादी लगभग बारह लाख है। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण मास्टर प्लान 2021 को लेकर कार्य कर रहा है। लेकिन अवैध बस्तियां प्राधिकरण के मास्टर प्लान को पलीता लगा रहीं हैं। एमडीए अफसरों ने अपनी जांच में लगभग अस्सी बस्तियों को अवैध करार देकर उनकी सूची तैयार की है। इन बस्तियों में दिन-रात निर्माण कार्य होता रहता है। लेकिन इसके बाद भी पुलिस व प्रशासन की हिम्मत नहीं कि अवैध निर्माण पर रोक लगा पाए। शहर के मझोला, कटघर, पाकबड़ा, मुगलपुरा और कोतवाली थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा अवैध बस्तियों को बसाने का काम किया गया है। अवैध बस्तियों बसाने में प्राधिकरण के अवर अभियंताओं ने बड़ी भूमिका निभाई है। कुछ इलाकों में एमडीए के अवर अभियंताओं ने जमीन खरीदकर खुद ही कॉलोनियों को काट दिया। शहर में बसी लगभग अस्सी अवैध कॉलोनियों की सूची प्राधिकरण के अफसरों ने बनाई है। जबकि अवैध कॉलोनियों की संख्या इनसे कहीं ज्यादा है। अवर अभियंताओं के साथ ही नेताओं के द्वारा भी अवैध बस्तियों को बसाने का काम किया गया है। प्राधिकरण अफसरों के सामने लाइनपार, सम्भल रोड के साथ ही जिगर कॉलोनी से कटघर पुल तक रामगंगा के किनार सैकड़ों अवैध बस्तियों बनकर तैयार हो गई है। कार्रवाई की बात जब भी आती है,तो स्थानीय नेता अफसरों के खिलाफ हल्ला मचाना शुरू कर देते है। ......................
अवैध बस्तियों में खर्च हुआ निधियों का पैसा
अवैध बस्तियों को बसाने में नेताओं की भी बड़ी भूमिका रही है। अपने वोट बैंक को साधने के लिए विभिन्न पार्टियों के माननीय अवैध कॉलोनियों में विधायक निधि और सांसद निधि का पैसा विकास कार्यो में खर्च कर देते है। जिससे इन कॉलोनियों के उजड़ने का ख्वाब भी हमेशा के लिए खत्म हो जाता है। अवैध बस्तियों को बसाने के लिए पहले नेताओं के गुर्गे जमीन खरीदकर प्लान काटते र्ह। फिर जनप्रतिनिधि विकास निधि के पैसे से अवैध कॉलोनियों में विकास कार्य करा देते हैं। सालों से यही खेल खेला जा रहा है। अफसर भी नेताओं के दबाव के चलते कोई कार्रवाई नहीं करते है।
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वर्जन---
अवैध कॉलोनियों में निर्माण को रोकने के लिए लगातार प्रयास किए जाते हैं। जब पुलिस और प्रशासन का पूर्ण सहयोग मिलता है, तभी सख्त कार्रवाई हो पाती है। शासन स्तर से अवैध कॉलोनियों को रेगुलर करने के लिए नई नीति बनाई जा रही है। कुछ कॉलोनियों के प्रस्ताव भी शासन को भेजे गए हैं। जिन अभियंताओं के इलाके में अवैध निर्माण की सूचनाएं मिलेगी उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राजेश कुमार यादव,उपाध्यक्ष,एमडीए