टैक्टर ट्राली की टक्कर से युवक की मौत
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : पीली कोठी और मुरादाबाद क्लब के बीच मंगलवार सुबह अनियंत्रित ट्रैक्टर ट्र
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : पीली कोठी और मुरादाबाद क्लब के बीच मंगलवार सुबह अनियंत्रित ट्रैक्टर ट्राली की टक्कर से बाइक सवार युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय लोगों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सिविल लाइंस थानाक्षेत्र के मिशन कम्पाउंड निवासी प्रताप सिंह भंडारी (30) दिल्ली रोड स्थित तीर्थकर महावीर विश्वविद्यालय में पीआरओ इंचार्ज के पद पर तैनात थे। उनके परिवार में मां कमला, दो भाई विजय और शुभम थे। उनकी शादी नौ महीने पहले रानीखेत से चालीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित दौराहर निवासी यशोदा से हुई थी। रोज की तरह मंगलवार सुबह प्रताप अपनी बाइक से दिल्ली रोड स्थित संस्थान जा रहे थे। सुबह आठ बजे के आसपास जब वह मुरादाबाद क्लब की ओर जा रहे थे तभी पब्लिक स्कूल के सामने ट्रैक्टर ट्राली ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी और उन्हें रौंदते हुए ट्रैक्टर ट्राली सहित चालक भाग गया। सड़क पर प्रताप को लहूलुहान देख राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी और चंद कदम की दूरी पर स्थित जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने परिजनों को हादसे की जानकारी दी। जिसके बाद परिवार में कोहराम मच गया। ----------------------
पत्नी से जल्दी लौटने का वादा कर निकला था प्रताप
जिस पति के साथ पूरा जीवन गुजारने का सपना देख यशोदा पिता के घर से ससुराल आई थी। उसकी मौत की सूचना से वह अचेत हो गई। एक सप्ताह पहले ही यशोदा ने पति की लम्बी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था। सुबह यशोदा ने पति को जल्द घर वापस आने के लिए कहकर विदा किया था।
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सुबह होते ही दौड़ने लगती हैं रेत भरी ट्रालियां और बुग्गियां
महानगर की पॉश कालोनियों से रेत भरी ट्रालियां और बुग्गियां सुबह से ही निकलने लगती हैं। पुलिस के डर से ट्रालियां अनियंत्रित गति से दौड़ायी जाती हैं। फव्वारा चौक पर पुलिस की पिकेट तैनात रहती है लेकिन उनके सामने ही ट्रैक्टर ट्राली वाले फर्राटा भरने से बाज नहीं आते हैं और पुलिस सिर्फ तमाशा ही देखती रहती है। गश्ती पुलिस कर्मियों को सुविधा शुल्क देकर ट्राली चालक लगातार सड़क पर बे रोक टोक नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं। शहर में इन ट्रालियों के चक्कर रात दो बजे से शुरू हो जाते हैं। सुबह आठ बजे तक इनके चक्कर लगते रहते हैं। इसी बीच स्कूलों के खुलने का समय भी होता है और शहर के रहने वालों का नौकरी पर जाने का भी।