बारह राउंड फाय¨रग में बाघिन हो गई ढेर
जागरण संवाददाता,मुरादाबाद : उत्तराखंड के रामनगर स्थित गोरखपुर गांव में नरभक्षी बाघिन को ढेर करने व
जागरण संवाददाता,मुरादाबाद :
उत्तराखंड के रामनगर स्थित गोरखपुर गांव में नरभक्षी बाघिन को ढेर करने वाली टीम में मुरादाबाद के लाइसेंसी शिकारी राजीव सोलोमन भी शामिल थे। रामनगर की डीएफओ कहेकसा नसीम ने जिन पांच शिकारियों को बुलाया था, उसमें एक नाम राजीव सोलोमन का भी था।
उन्होंने बताया कि 20 अक्टूबर की सुबह तीन हाथियों में सवार होकर सभी शिकारी गोरखपुर गांव पहुंचे थे। वन विभाग के अफसरों के द्वारा बाघिन की सही लोकेशन की जानकारी के बाद इस ऑपरेशन को शुरू किया गया। दोपहर करीब बारह बजे जैसे की गन्ने के खेत से बाघिन बाहर निकली वैसे ही एक साथ बारह राउंड फाय¨रग की गई। तीन तरफ से हुई फाय¨रग में बाघिन वहीं ढेर हो गई। सोलोमन ने बताया कि इससे पहले भी वह दो बाघों को उत्तराखंड में मार चुके है। इस काम के लिए सोलोमन कोई मेहनताना नहीं लेते।
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एक घंटे में मिली सफलता
गोरखपुर गांव के जिस गन्ने के खेत में बाघिन छुपी थी। इसकी रात से ही वन विभाग के पास सटीक सूचना थी। सभी शूटरों रात में बाघिन को मारने की तैयारी कर ली थी। वन विभाग के अफसर शिकारी राजीव सोलोमन के बिना ऑपरेशन शुरू नहीं करना चाहते थे। सुबह जैसे ही सोलोमन पहुंच वैसे ही सुबह दस बजे सभी शिकारी स्पॉट के लिए निकले। करीब एक घंटे के खोजी अभियान में दौरान बाघिन को गन्ने के खेत से बाहर निकालने की कोशिश की गई। उसके वहीं ढेर कर दिया गया।
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इन असलहों का हुआ प्रयोग
नरभक्षी बाघिन को मारने के लिए दो डबल बैरल बंदूक,दो 375 मैग्नम पिस्टल के साथ ही एक 315 नंबर का असलहा शिकारियों के पास मौजूद था। डबल बैरेल बंदूक से अंटा गोली चलाई जाती है। जैसे ही दो अंटा गोली बाघिन को लगी वैसे ही वह गिर गयी।
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राष्ट्रपति से मिलती है इजाजत
रामनगर के गोरखपुर गांव में मारी गई नरभक्षी मादा बाघिन को आसानी से मारा नहीं जा सकता था। तीन लोगों का शिकार बनाने के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत हो गई थी। वन विभाग ने विशेष रूप से इसे मारने के लिए राष्ट्रपति से इजाजत मांगी थी। इजाजत मिलने के बाद बाघिन को मारने की कार्रवाई की गई।