संस्कारों का बीज रोपेगी संस्कारशाला परीक्षा
जागरण संवाददाता,मुरादाबाद : मंगलवार से जागरण संस्कारशाला का आगाज हो गया। नवंबर में आयोजित होने वाली
जागरण संवाददाता,मुरादाबाद : मंगलवार से जागरण संस्कारशाला का आगाज हो गया। नवंबर में आयोजित होने वाली जागरण संस्कारशाला परीक्षा के बारे में प्रिंसिपल मीट आयोजित हुई। बच्चों में संस्कारों की कमी का सामना प्रधानाचार्यो को स्कूलों में करना पड़ता है। उनमें संस्कारों कर अंकुर फूट सकें। जागरण संस्कारशाला की रूपरेखा के बारे में जानकारी देने को दैनिक जागरण के मंच प्रधानाचार्य जुटे और छठी बार आयोजित होने वाली जागरण संस्कारशाला परीक्षा का उद्देश्य क्या है? इसकी जानकारी प्रधानाचार्यो को दी गई। प्रधानाचार्यो ने कहा कि जागरण संस्कारशाला परीक्षा को लेकर बच्चे उत्साहित रहते हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षा से ठीक पहले सिलसिलेबार तरीके से प्रकाशित होने वाले लेख वह सुबह प्रार्थना सभा में पढ़कर सुनाते हैं। इस मीट में सभी के बीच से एक बात निकलकर आई कि नैतिक मूल्यों की कमी बच्चों में निरंतर आ रही है, यह नैतिक मूल्य व्यक्तिगत जीवन, घर व समाज में पुन:स्थापित हो सकें इसको लेकर दैनिक जागरण के प्रयासों को सराहा गया। जागरण संस्कारशाला परीक्षा में ज्यादा से ज्यादा बच्चों का पंजीयन कराने को लेकर प्रधानाचार्य आगे आए।
कांठ रोड स्थित मिगलानी सेलीब्रेशन में जागरण संस्कारशाला परीक्षा को लेकर आयोजित प्रिंसिपल मीट में सीबीएसई, आइसीएसई, यूपी बोर्ड के स्कूलों के प्रधानाचार्यो ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं डीआइओएस प्रदीप द्विवेदी ने प्रधानाचार्यो से जागरण संस्कारशाला में ज्यादा से ज्यादा पंजीयन कराने का आग्रह किया। प्रिंसिपल मीट के दौरान एक संक्षिप्त डाक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई गई। बच्चों में समग्र विकास हो सके और जीवन की नई चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए संस्कार ही आत्म विश्वास बढ़ाते हैं,इसकी जानकारी डाक्यूमेंट्री फिल्म के माध्यम से दी गई। कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि एवं डीआइओएस प्रदीप द्विवेदी, समाचार संपादक धर्मेद्र त्रिपाठी और यूनिट प्रबंधक अनिल अग्रवाल ने दैनिक जागरण के संस्थापक स्व.पूर्णचन्द्र गुप्त व पूर्व प्रधान सम्पादक स्व.नरेंद्र मोहन के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित करके की। समाचार संपादक धर्मेद्र त्रिपाठी ने कहा कि पहले संयुक्त परिवार होते थे लेकिन अब एकल परिवार इस गैप को भरने के लिए संस्कारशाला परीक्षा की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बच्चे के पहले शिक्षक मां-बाप होते हैं। बच्चे घर से संस्कार लेकर जाएंगे तो स्कूलों में शिक्षकों के सामने अनुशासित तरीके से पेश आएंगे। यूनिट प्रबंधक अनिल अग्रवाल ने कहा कि संस्कारशाला परीक्षा में नौ से 18 वर्ष के बच्चे प्रतिभाग करते हैं। इसमें प्रधानाचार्यो का पूरा सहयोग मिलता है। इस अवसर पर समाजसेवी शिव मिगलानी ने जागरण संस्कारशाला परीक्षा के आयोजन को सराहा। कार्यक्रम में मौजूद प्रधानाचार्यो को दैनिक जागरण की ओर से प्रतीक चिन्ह भेट किया गया। संचालन एचपी शर्मा ने किया।
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जागरण संस्कारशाला का उद्देश्य
आधुनिक जीवन में बदलते परिवेश के कारण संस्कार भी पीछे छूटते जा रहे हैं। अभिभावक भी कहीं न कहीं इसके लिए जिम्मेदार हैं। इन संस्कारों को पुन: स्थापित करना ही जागरण संस्कारशाला परीक्षा का उदेश्य है। देश के 200 शहरों में 10 लाख बच्चे जागरण संस्कारशाला की परीक्षा देते हैं। पिछले साल मुरादाबाद मंडल में 49 हजार बच्चों ने जागरण संस्कारशाला परीक्षा दी थी। छठी बार भी यह परीक्षा जिले ही नहीं देश भर के स्कूलों में आयोजित होगी। ग्रीन मिडोज स्कूल की प्रधानाचार्या डॉ.सीमा सिंह, गोल्डन ग्लोबल स्कूल की प्रधानाचार्या रश्मि सिंह,राजेंद्र एकेडमी के अमित कुमार समेत अन्य प्रधानाचार्य मौजूद रहे।