रेलवे देगा ई-एजूकेशन
प्रदीप चौरसिया, मुरादाबाद केंद्र सरकार ने रेलवे को नेशनल मिशन एजूकेशन का हिस्सा बना लिया है। अब र
प्रदीप चौरसिया, मुरादाबाद
केंद्र सरकार ने रेलवे को नेशनल मिशन एजूकेशन का हिस्सा बना लिया है। अब रेलवे, विश्वविद्यालयों व तकनीकी कॉलेजों को ई-एजूकेशन के लिए हाईस्पीड ब्रॉडबैंड उपलब्ध कराएगा। यह सिस्टम दुनिया की सभी ई-लाइब्रेरी से जुड़ा होगा। ऑप्टिकल फाइबर केबिल (ओएफसी) पर कनेक्शन उपलब्ध कराने में बीएसएनएल भी रेलटेल की मदद करेगा।
देश में लगातार सरकारी व गैर सरकारी विश्वविद्यालय, तकनीकी कॉलेज खुल रहे हैं। इनमें से अधिकांश शहर से काफी दूर बनाए जा रहे हैं, जिनका काफी हिस्सा रेल लाइनों के नजदीक बना हुआ है। यहां हाईस्पीड ब्रॉडबैंड चलाने के लिए बीएसएनएल का नेटवर्क या ओएफसी नहीं है। रेलवे प्रशासन ट्रेनों के संचालन व संचार सेवा के लिए देश भर में रेल लाइनों के किनारे ऑप्टिकल फाइबर केबिल (ओएफसी) डालने का काम पूरा कर चुका है। अब सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों व तकनीकी कॉलेजों को ई-एजूकेशन के लिए ऑप्टिकल फाइबर केबिल के माध्यम से हाईस्पीड ब्रॉडबैंड का कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना बनाई है, जिसकी गति 50 एमबी प्रति सेकेंड से अधिक होगी। इसके बाद विश्वविद्यालय व कॉलेज प्रशासन एक साथ 50 से अधिक कंप्यूटर पर हाईस्पीड में ब्रॉडबैंड चला सकेंगे। रेलवे लाइन के किनारे बने विश्वविद्यालयों व तकनीकी कॉलेजों को रेल टेल द्वारा और शेष क्षेत्रों में बीएसएनएल के माध्यम से कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा। सिस्टम को ई-एजूकेशन के लिए दुनिया भर की ई-लाइब्रेरी से जोड़ा गया है। एक कनेक्शन उपलब्ध कराने में 20 लाख रुपये खर्च होंगे, जिसमें 15 लाख रुपये केंद्र सरकार व पांच लाख रुपये विश्वविद्यालय व तकनीकी कॉलेज प्रशासन को देना है। दस साल तक ब्रॉडबैंड का किराया व अन्य प्रकार के शुल्क नहीं लिए जाएगे। रेलटेल को कनेक्शन उपलब्ध कराने में आने वाली कठिनाई को दूर करने में बीएसएनएल सहयोग करेगा।
नेशनल मिशन एजूकेशन के तहत रेलटेल को भी जोड़ा गया है। रेल लाइन के किनारे बने विश्वविद्यालय व तकनीकी कॉलेजों को ओएफसी पर हाईस्पीड ब्रॉडबैंड का कनेक्शन रेलटेल को उपलब्ध कराना है। सरकार ने एजूकेशन के क्षेत्र में सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रेलवे को जोड़ने का काम किया है।
-रामशब्द यादव
प्रधान महाप्रबंधक, बीएसएनएल