पुलिस भर्ती में फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : पुलिस भर्ती दौड़ में रेसर मुन्नाभाई उतारने के मास्टरमाइंड को पुलिस ने
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद :
पुलिस भर्ती दौड़ में रेसर मुन्नाभाई उतारने के मास्टरमाइंड को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दोनों युवकों को सोमवार रात बुधबाजार के होटल से दबोचा। दोनों ही मेरठ के कांकरखेड़ा के रहने वाले हैं। युवक यहां दौड़ में रेसर उतारने के एवज में तय की गई रकम लेने के लिए आए थे।
महानगर के 24 वीं वाहिनी पीएसी के मैदान में करीब एक माह तक पुलिस भर्ती दौड़ की परीक्षा हुई थी। परीक्षा में फर्जीवाड़े के सोलह मुकदमे दर्ज किए गए। अभ्यर्थियों के स्थान पर दौड़ने वाले 14 रेसरों को जेल भेजा गया था। पुलिस हाई प्रोफाइल रैकेट की जांच कर कर रही थी। यह भी जानकारी मिली थी मेरठ से यह गिरोह संचालित किया जा रहा है। पकड़े गए अभ्यर्थियों ने मेरठ के कांकर खेड़ा, नंगला काशी निवासी दीपक उर्फ जगपाल और जमेठा निवासी कपिल का नाम बताया था। पुलिस दोनों की तलाश कर रही थी, इनके घरों में भी दबिश मारी जा चुकी थी। सोमवार रात बुधबाजार के एक होटल से सिविल लाइंस पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। दीपक मेरठ कॉलेज से बीए कर रहा है और उसके पिता विवेकानंद किसान हैं। जबकि कपिल इंटर पास करने के बाद प्राइवेट संस्थान में नौकरी कर रहा है। उसके पिता भी किसान हैं।
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स्कैन करके बदलते थे प्रवेश पत्र की फोटो
मास्टरमाइंड दीपक उर्फ जगपाल और कपिल शातिर हैं। पुलिस के अनुसार पहले भी वे भर्ती में घोटाला कर चुके हैं, लेकिन इस बार कम समय होने और सिस्टम कम्पयूटरीकृत होने के कारण वे फंस गए। वास्तविक प्रमाण पत्र पर धावक की फोटो लगाकर प्रवेश पत्र बनाया जाता था। धावक को पिता और माता का नाम व पता रटाया जाता था। धावक को दस से पचास हजार रुपये में तय किया जाता था। इसके लिए गरीब परिवार के लड़के जल्दी तैयार हो जाते थे। ग्रामीण इलाकों से लड़कों को तैयार करने के बाद प्रवेश पत्र तैयार किया जाता था और उसे दौड़ में शामिल होने भेज दिया जाता था। सौदा तय होने पर धावक को कुछ रुपये दे दिए जाते थे जबकि पूरी रकम बाद में दी जाती थी।
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पुलिस भर्ती में अभ्यर्थियों के स्थान पर धावकों को दौड़ाने वाले दो मास्टरमाइंड युवकों को पकड़ा गया है। ये पुलिस भर्ती में फर्जीवाड़ा कर रहे थे।
डॉ. राम सुरेश यादव, एसपी सिटी