लोग उलझन में कौन सा कार्ड उनके लिए
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के बाद से राशन वितरण प्रणाली में व्यापक स्तर पर फेर बदल कि
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होने के बाद से राशन वितरण प्रणाली में व्यापक स्तर पर फेर बदल किए गए हैं। पुराने राशन कार्ड से जहां केवल मिंट्टी का तेल मिल रहा है, वहीं नये से गेहूं और चावल दिया जा रहा है। इससे लोग उलझन में हैं। इन्हीं उलझनों को लेकर उठ रहे कुछ सवालों को जिला पूर्ति अधिकारी संजीव कुमार के सामने दैनिक जागरण के संवाददाता प्रदीप चौरसिया ने उठाया और विस्तार से चर्चा की। पेश है बातचीत के संपादित अंश:-
सवाल: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) लागू होने के बाद मुरादाबाद जिले में कितने राशन कार्ड बनाए गए हैं?
उत्तर: एनएफएसए लागू होने के बाद सरकार की ओर से निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप जिले में 4.70 लाख परिवारों के राशन कार्ड बनाए जा चुके हैं।
सवाल: एनएफएसए के तहत राशन कार्ड बनाने का नियम क्या है? किस वर्ग के लिए कौन सा कार्ड निर्धारित किया गया है।
उत्तर: शहरी क्षेत्रों में तीन लाख और ग्रामीण क्षेत्रों में दो लाख सालाना आय वाले परिवार का एनएफएसए के तहत राशन कार्ड बनाया जाएगा।
सवाल: एनएफएसए कार्ड और एपीएल कार्ड में क्या अंतर है?
उत्तर: सभी एनएफएसए कार्डो को एक यूनिट पर प्रत्येक माह पांच किलो खाद्यान्न मिलेगा। जबकि 40 प्रतिशत एपीएल राशन कार्ड धारकों को तीन किलो गेहूं मिलता था। नये नियम के तहत एपीएल कार्ड धारकों को गेहूं मिलना बंद हो गया है।
सवाल: एनएफएसए कार्ड के बाद अब एपीएल कार्ड की क्या मान्यता है?
उत्तर: जिले में साढ़े सात लाख एपीएल कार्ड धारक हैं। एपीएल कार्ड की मान्यता है। एपीएल कार्ड दिखाने पर ही लोगों को मिंट्टी का तेल मिल पाएगा। एनएफएसए राशन कार्ड पर मिंट्टी का तेल नहीं दिया जाएगा।
सवाल: एनएफएसए लागू करने के पीछे सरकार की क्या मंशा रही है?
उत्तर: एनएफएसए के तहत सभी गरीब परिवारों को पेट भर भोजन उपलब्ध कराने का उद्देश्य रखा गया है। इस योजना के तहत ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिससे देश का कोई भी शख्स भूखा नहीं रहेगा।
सवाल: लगातार शिकायतें मिलती हैं कि राशन दुकानदार खाद्यान्न वितरण नहीं कर रहा है? कालाबाजारी की शिकायतें आती हैं। इस पर क्या किया जा रहा है?
उत्तर: एनएफएसए लागू होने के बाद जितने राशन कार्ड हैं, उतना गेहूं व चावल राशन दुकानदार को दिया जाता है। साथ ही उसका हिसाब भी हर महीने लिया जाता है। इसके अलावा औचक निरीक्षण भी किए जाते हैं। अगर किसी भी राशन कार्ड धारक को किसी प्रकार की शिकायत हो तो वह सीधे टोल फ्री नंबर 18001800150 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायत की जांच कराई जाएगी और कार्रवाई के बारे में शिकायतकर्ता को सूचना दी जाएगी।
सवाल: अभी काफी लोगों की शिकायत है कि उनका राशन कार्ड नहीं बन पा रहा है?
उत्तर: जिले के अधिकांश गरीब परिवारों के एनएफएसए के तहत राशन कार्ड बन चूके हैं। जो गरीबी रेखा से ऊपर हैं, उसका राशन कार्ड नहीं बनाया जाएगा। कार्ड सिर्फ उन्हीं लोगों के बन रहे हैं जो एनएफएसए के वर्ग निर्धारण में आ रहे हैं।
सवाल: जिस गरीब परिवार का राशन कार्ड नहीं बना है, वह राशन कार्ड बनाने के लिए क्या करे?
उत्तर: जिस गरीब का राशन कार्ड नहीं बना है, वह पहले तो लोक सेवा केंद्र से आनलाइन आवेदन करे। आवेदन होने के बाद उसकी जांच कराई जाएगी। जांच में सभी मानक पूरे होने पर राशन कार्ड बनाने की कार्रवाई की जाएगी।
सवाल: खाद्यान्न की कालाबाजारी रोकने के लिए क्या व्यवस्था है?
उत्तर: हाल में शासन ने अंतर जिला डीएसओ से राशन दुकानों की जांच कराई है। इसके अलावा प्रदेश स्तर पर निगरानी टीम छापामार चेकिंग भी करती रहती है। जिला स्तर पर चेकिंग के लिए पूर्ति निरीक्षक, एसडीएम, बीडीओ की ओर से टीमें लगाई गई हैं।