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उलेमाओं ने बयान की कुरआन की एहमियत

जागरण संवाददाता,मुरादाबाद मदरसा सैयदना फारूक-ए-आजम में आयोजित आल इंडिया मुजाहिरा हुस्न किरात-ओ-ना

By Edited By: Published: Fri, 29 Apr 2016 02:04 AM (IST)Updated: Fri, 29 Apr 2016 02:04 AM (IST)
उलेमाओं ने बयान की कुरआन की एहमियत

जागरण संवाददाता,मुरादाबाद

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मदरसा सैयदना फारूक-ए-आजम में आयोजित आल इंडिया मुजाहिरा हुस्न किरात-ओ-नातुन्नबी में उलेमाओं ने कुरआन की किरात व नाते पाक के नजराने पेश कर वाहवाही हासिल की।

मुहल्ला सराय किशन लाल इंदिरा चौक राजों वाली मस्जिद पर आयोजित जलसे में कुरआन की तालीम व उसके पढ़ने के सवाब पर रोशनी डाली गई। उलेमाओं ने फरमाया कुरआन अल्लाह तआला का कलाम है। उसको सही तरीके से पढ़ना वाजिब है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मकसद मुसलमान बच्चे, मर्द व औरतों में कुरआन-ए-पाक को ठीक से पढ़ने व सुनने का शौक पैदा करने के लिए जागरूक करना है। कुरआन को पढ़ने व सुनने वाले को भी अल्लाह तआला सवाब अता फरमाता है। उन्होंने कुरआन का मर्तबा बताते हुए सही तरीके से पढ़ने की हिदायत की। बताया कि कुरआन की रोशनी से तमाम आलम फैजयाब हो रहा है लिहाजा इसको पढ़ना व सुनना सवाब है।

इशा की नमाज के बाद शुरू हुए जलसे की शुरुआत कुरआन-ए-करीम की तिलावत से हुई। इसके बाद नात-ए-पाक के नजराने पेश किए गए। जलसे में लखनऊ, झारखंड, बलिया समेत अन्य मदरसों में तालीम का दर्स दे रहे उलेमाओं ने शिरकत की। बाद में कुरआन-ए-पाक की बेहतर तिलावत करने पर उलेमाओं को सम्मानित किया गया। जलसे के बाद मुल्क-ओ-मिल्लत की तालीम व तरक्की, इत्तेहाद, खुशहाली व रोजगार की दुआ की गई।

जलसे में कारी मुहम्मद माहिर हयाती, हाजी मुहम्मद अली, परवेज खां आदि ने सहयोग किया। हाजी नसीम अहमद मुशर्रफ खां मौजूद थे।


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