बिहार व राजस्थान से भी चल रहा नकलचियों का गिरोह
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : हाइटेक नकलचियों के गिरोह संचालकों के तार बिजनौर, मेरठ व दिल्ली ही नहीं
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : हाइटेक नकलचियों के गिरोह संचालकों के तार बिजनौर, मेरठ व दिल्ली ही नहीं बिहार और राजस्थान तक फैले हैं। दस दिन पहले ही टीएमयू में चार परीक्षार्थियों समेत नौ लोगों की गिरफ्तारी की गई थी, लेकिन गिरोह का सरगना जय सिंह अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है।
पूरे देश में एक पारी में एक-साथ ही आरआरबी की परीक्षा हो रही है। लेकिन सवालों के क्रम में परिवर्तन होता है। मोदी सरकार की ओर से लिपिक तक की भर्ती में इंटरव्यू समाप्त किए जाने के बाद किसी भी कीमत पर लिखित परीक्षा पास करने की होड़ है। इसके लिए परीक्षार्थी कुछ भी करने को तैयार हैं। कोई कर्ज लेकर रैकेट संचालकों तक रकम पहुंचा रहा है तो कोई खेत बेचकर। अब तक आधा दर्जन से अधिक हाइटेक नकलचियों समेत दस लोग मुरादाबाद में पकड़े जा चुके हैं। इलाहाबाद में भी एसटीएफ ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था जिसमें कुछ तो परीक्षार्थी थे जबकि कुछ नकल कराने का ठेका लेने वाले गिरोह के सदस्य। प्रदेश में पूरे मामले के खुलासे के लिए एसटीएफ की यूनिट को लगाया गया है। रामू सिंह के राजस्थान से संबंध होने के कारण अब टीमों का रुख राजस्थान की तरफ भी हो गया है। हाइटेक नकलचियों का जाल परीक्षा केंद्रों के आसपास फैला रहता है।
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इस तरह से कराते हैं नकल
पूरी सेटिंग के बाद रैकेट संचालक परीक्षार्थी को एक किट देता था। जिसमें माइक्रो चिप, मोबाइल चिप, माइक्रो ब्लू टूथ तथा मोबाइल नुमा रिसीवर होता था। रिसीवर को कमर पर लगाया जाता था और ब्लूटूथ को कान में। रिसीवर को सीने में टेप से चिपका दिया जाता था। ऑप्शन में व्हाट्सएप युक्त मोबाइल परीक्षार्थी के जूते में रहता है। परीक्षार्थी को यह निर्देश थे कि सिस्टम ऑन होने के पंद्रह मिनट बाद उन्हें उत्तर बताने शुरू किए जाएंगे। ठीक पंद्रह मिनट बाद दूसरी तरफ से साल्वर उत्तर बताने शुरू करता था। आधे घंटे के अंदर ही चारों सेट के उत्तर साल्वर बता देते है। जिस परीक्षार्थी के पास जो सेट होता है उसके अनुसार वह पेपर हल कर देता है।
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दुस्साहसी हुए रैकेट संचालक
महानगर में दस दिन पहले ही रैकेट का पर्दाफाश करते हुए नौ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उसके दो दिन बाद ही इलाहाबाद में भी एसटीएफ ने मामले का पर्दाफाश कर कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके बावजूद भी दुस्साहसी रैकेट संचालक लगातार काम को जारी रखे हैं। भोले भाले परीक्षार्थियों को अपने जाल में फांसकर उनसे रकम ऐंठी जा रही है।