फर्जी आइजी से मिला उत्तराखंड मुख्यालय का आइकार्ड
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : फर्जी आइजी के पास से जीआरपी को ठगी के 32 हजार रुपये और उत्तराखंड पुलिस
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : फर्जी आइजी के पास से जीआरपी को ठगी के 32 हजार रुपये और उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से जारी आइजी का पहचान पत्र मिला है। जीआरपी ने फर्जी आइजी राजीव शर्मा को जेल भेज दिया है। पूछताछ में उसने बताया कि वह पहले भी एक बार दिल्ली रेलवे स्टेशन पर चेकिंग स्टाफ के चक्कर में फंस चुका है। वहां से माफी मांगकर किसी तरह वह निकल गया था। पूछताछ में आरोपी के वकील होने की बात सामने आई है।
रविवार रात जीआरपी इंस्पेक्टर अयूब हसन के पास फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को उत्तराखंड का आइजी ट्रेनिंग पीबीके प्रसाद बताया और नौचंदी एक्सप्रेस में मुरादाबाद से लखनऊ तक एसी टू टीयर का टिकट मांगा। शक होने पर जब उत्तराखंड के आइजी ट्रेनिंग पीबीके प्रसाद से फोन पर बात की तो पता चला कि एसी टू की टिकट मांगने वाला व्यक्ति ठग है। इंस्पेक्टर ने फर्जी आइजी राजीव शर्मा को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी। सूचना पर एसी रेल वैभव कृष्ण व सीओ जितेंद्र सिंह थाने पहुंचे। देर रात में राजीव शर्मा के सामान की तलाशी लेने पर उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से जारी परिचय पत्र मिला, जिसमें पीबीके प्रसाद पुलिस महानिरीक्षक उत्तराखंड लिखा था। फोटो वाले स्थान पर राजीव शर्मा ने अपना फोटो लगा रखा है। राजीव के पास से 32 हजार रुपये नकद मिले हैं। कुछ संदिग्ध कागज भी बरामद किए गए। कागजों की वास्तविकता की जांच जीआरपी द्वारा की जा रही है।
जीआरपी इंस्पेक्टर अयूब हसन ने राजीव शर्मा निवासी अग्रेसन विहार थाना नई मंडी मुजफ्फरनगर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। जीआरपी चौकी प्रभारी सुखपाल ने फर्जी आइजी राजीव शर्मा की शिनाख्त करते हुए बताया कि व्यक्ति आइजी बताकर कई बार खाना मंगवाने और ट्रेन का टिकट खरीदवा चुका है।
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पूरे प्रकरण की होगी जांच
मुरादाबाद : पुलिस अधीक्षक रेल वैभव कृष्ण ने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच करायी जा रही है। जीआरपी लखनऊ, अमरोहा, हापुड़ के दारोगा व सिपाही पर राजीव शर्मा द्वारा आइजी होने का रौब दिखाकर खाना मंगा चुका है। कई थानेदारों से आइजी का रौब दिखाकर ट्रेन का टिकट भी खरीदवा चुका है।