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मॉडल का पता नहीं, दे दिया 1.10 लाख

राघवेंद्र शुक्ल, मुरादाबाद इसे लापरवाही कहेंगे या सरकारी धन का बंदरबांट। इंस्पायर अवार्ड योजना मे

By Edited By: Published: Mon, 03 Aug 2015 01:46 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2015 01:46 AM (IST)
मॉडल का पता नहीं, दे दिया 1.10 लाख

राघवेंद्र शुक्ल, मुरादाबाद

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इसे लापरवाही कहेंगे या सरकारी धन का बंदरबांट। इंस्पायर अवार्ड योजना में ऐसा ही कुछ हुआ है। सरकार बच्चों को 5-5 हजार रुपये देकर प्रोत्साहित करती है। ताकि बच्चे क्रिएटिव बनें। विज्ञान के क्षेत्र में कुछ नया करें। सीखें और आत्मसात करें। पर जिले के 22 छात्रों ने इस धन को सरकार की सौगात समझकर रख लिया। तय समय पर न इनके मॉडल दिखे और न ही विज्ञान प्रदर्शनी में इनके अक्स। आखिरी में इन्हें दिए गए 1.10 लाख रुपये की याद आई तो रिकवरी की तैयारी शुरू हो गई। हालांकि हर साल यही खेल होता रहा है। इस बार मामला पकड़ में आ गया और जांच बिठा दी गई। ये सभी छात्र छात्राएं बेसिक शिक्षा विभाग से संचालित स्कूलों के हैं, सो बीएसए कार्यालय में भी पुरानी लिस्ट खंगाली जानी शुरू हो चुकी है। केंद्र सरकार द्वारा स्कूली बच्चों के वैज्ञानिक रुचि को बढ़ावा देने तथा उन्हें खोजी प्रवृत्ति का बनाने के लिए इंस्पायर अवार्ड योजना शुरू की। इसमें यूपी बोर्ड, बेसिक शिक्षा परिषद, सीबीएसई, आइसीएसई के छात्रों का चयन कर 5-5 हजार की रकम इस मद में दी जाती है कि वे इस पैसे से विज्ञान मॉडल बनाएंगे तथा उसे जिला स्तरीय प्रदर्शनी में दिखाएंगे। यहां से चयनित बेस्ट मॉडल प्रदेश फिर देश स्तर पर रखा जाएगा। पर हाल के वर्षो में इंस्पायर अवार्ड को लेकर न जागरूकता आइ न जिम्मेदारी पनपी। पूर्व के वर्षो में जिले में चेक को 300-300 को बांटे गए पर जब मॉडल दिखाने की बारी आती थी तो खींचखांच के संख्या 70 पहुंचती थी। इस साल भी ऐसा ही हुआ। विभाग का दावा है कि 78 बच्चों को चेक दिया बेसिक के 24 बच्चे हैं। इसमें दो का चेक गलत था जिसे वापस कर दिया। यानी 22 बच्चे बेसिक के तथा बाकी माध्यमिक के बचे। 30 जुलाई को जब इंस्पायर के तहत प्रदर्शनी लगी तो बेसिक के सारे बच्चे गायब थे। सूत्र बताते हैं कि पिछले वर्षो में भी माध्यमिक व बेसिक के कई छात्र चेक तो लिए अपना मॉडल लेकर नहीं पहुंचे। इस बार भी ऐसा ही करने की कोशिशें हुई, लेकिन मामला पकड़ में आ गया। डीआइओएस ने बीएसए को पत्र भेजकर चेक लिए सभी छात्र छात्राओं की पूरी डिटेल मांगी है। क्योंकि माध्यमिक शिक्षा विभाग ने चेक तो दे दिया है, लेकिन उसके पास इन छात्रों के न स्कूल के नाम हैं और न ही पूरी डिटेल। इतना ही नहीं मुहम्मद असलम की दो बेटियों महवीस व मायरा को भी चेक मिले, लेकिन इनके मॉडल मौके पर नहीं दिखे।

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इनसेट...

इन छात्रों ने नहीं किया प्रतिभाग

-प्रदीप, शिवेंद्र, नन्हे, विकास चौधरी, अर्पित, शालू शर्मा, रहमीन जहां, मुस्कान बी, जबर सिंह, शिवानी कुमारी, सूफिया परवीन, महताब परवीन, कुनैन जैदी, तरन्नुम, अरविंद कौर, आयुषी, सिमरन, मानसी, मोनिका, रेशमा सैफी शामिल हैं। इनके स्कूल का नाम व अन्य जानकारियां एकत्रित की जा रही हैं।

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इनसेट.

प्रमुख स्कूलों के नाम गायब

इंस्पायर अवार्ड योजना के तहत दिए गए चेक में कई प्रमुख स्कूलों की सहभागिता शून्य थी। चित्रगुप्त इंटर कालेज, साहू रमेश कुमार, आरएन इंटर कालेज, जीआइसी, जीजीआइसी, पारकर इंटर कालेज, महाराजा अग्रसेन इंटर कालेज, मुरादाबाद इंटर कालेज, जीजी ¨हदू इंटर कालेज, एसएस इंटर कालेज सहित प्राइवेट कालेजों में से किसी की भी सहभागिता नहीं रही। इन स्कूलों ने नाम नहीं भेजा या इन्हें योजना में सम्मिलित ही नहीं किया गया यह तो जांच का विषय है।

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वर्जन

बीते वर्षो की तो मुझे नहीं मालूम, लेकिन यह अब नहीं चलेगा। जिन 22 बच्चों ने चेक लेने के बाद भी मॉडल प्रस्तुत नहीं किया उनसे धन की रिकवरी की जाएगी।

-डॉ. आइपीएस सोलंकी, जिला विद्यालय निरीक्षक।


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