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रसूल सल. से मुहब्बत ईमान की दलील

मुरादाबाद: जलसा सीरतुन्नबी में मुसलमानों से दीन के रास्ते पर चलने की हिदायत की गई। बताया गया कि अल्ल

By Edited By: Published: Thu, 04 Jun 2015 01:53 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2015 01:53 AM (IST)
रसूल सल. से मुहब्बत ईमान की दलील

मुरादाबाद: जलसा सीरतुन्नबी में मुसलमानों से दीन के रास्ते पर चलने की हिदायत की गई। बताया गया कि अल्लाह के बताए रास्ते पर चलकर रसूल सल. से मुहब्बत करना ईमान की दलील है।

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मुहल्ला मकबरा प्रथम गौस-ए-पाक चौराहे पर आयोजित जलसे में ईमान की मजबूती पर जोर दिया गया। बुरे कामों से बचने की हिदायत की गई। फरमाया कि मुसलमान जुआ, चोरी, सट्टा, शराब, जिनाकारी, झूठ, गीबत से बचें। बच्चों को दुनियावी तालीम के साथ दीन की तालीम भी दिलाएं। दीनी तालीम ही मगफरत का जरिया बनेगी। उलेमाओं ने रसूल सल. की सुन्नतों पर अमल करने की हिदायत की।

मुख्य अतिथि मौलाना शेख नसीम व मौलाना तौहीद ने कुरआन की तालीम पर रोशनी डाली। मुफ्ती सलमान मंसूरपुरी ने नमाज, रोजा, जकात और हज की फजीलत बयान की। फरमाया अमानत में खयानत न करो, दूसरों का हक न मारो और अल्लाह के बताए सच्चे रास्ते पर चलो। उन्होंने शब-ए-बरात व रमजान मुबारक के फजाइल बयान किए।

जलसे की शुरुआत कुरआन की तिलावत व नाते पाक से हुई। सैयद मुहम्मद हाशिम, मोअज्जम खां, मुशर्रफ अली, महफूज अली, बख्तियार खां, अलीम खां, वसीम खां, मुहम्मद रफी, सिराज अली, मुहम्मद जान मौजूद थे। समी अहमद, इमरान अली, इस्माईल खां ने सहयोग किया। सदारत कारी मेहर आलम संचालन मौलाना साजिदुल आजमी ने किया। मुलक-ओ-मिल्लत की खुशहाली, तरक्की, सांप्रदायिक एकता की दुआ के बाद जलसा संपन्न हो गया।


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