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भाइयों के बीच हो राम-भरत जैसा प्रेम

मुरादाबाद : जिगर मंच पर आयोजित श्रीराम कथा में कथा व्यास प्रेम भूषण महाराज ने कहा कि भरत अपने भाई श्

By Edited By: Published: Mon, 22 Dec 2014 01:30 AM (IST)Updated: Mon, 22 Dec 2014 01:30 AM (IST)
भाइयों के बीच हो राम-भरत जैसा प्रेम

मुरादाबाद : जिगर मंच पर आयोजित श्रीराम कथा में कथा व्यास प्रेम भूषण महाराज ने कहा कि भरत अपने भाई श्रीराम से मिलने के लिए वन गए। इस राम भाव विह्वल हो जाते हैं। दोनों भाई मिलते हैं तो उनके प्रगाढ़ प्रेम की झलक दिखती है। भाइयों का यही प्रेम वर्तमान में भी दिखना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि आज देखिए भाई-भाई का दुश्मन बना हुआ है। हमें श्रीराम व भरत के चरित्र से प्रेरणा लेना चाहिए। प्रभु ने भरत को अपना निर्णय सुना दिया। भरत, भाई का चरण पादुका लेकर अयोध्या चले आए। भाई- भाई के प्रेम की इस अनूठे रिश्ते को उन्होंने सार्वजनिक जीवन से जोड़ा।

कथा के क्रम में उन्होंने सती अनुसूइया द्वारा भिक्षा देना, पंचवटी प्रवास, सूपर्णखा प्रवेश, नाक कान भंजन, खरदूषण वध, सीता हरण और जटायु का रावण से युद्ध की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर चलकर ही मनुष्य सुखी रह सकता है। जबकि यह जगत बुरा नहीं है। जगत के प्रति आसक्ति बुरी होती है। बेटियों को दो कुलों को पावन करने वाली के साथ ही सेवा और त्याग की प्रतिमूर्ति बताया।

इसके पहले मुख्य यजमान सुषमा व प्रदीप टंडन को आचार्य जगदीश प्रसाद कोठारी के निर्देशन में आचार्य चमोली, रामप्रसाद मिश्र, अरजानंद व अरविंद ने पूजन कराया। संगीतमय सुर लहरी पर साथी कलाकारों ने भजन प्रस्तुत किए। कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे...भजन पर श्रोताओं के कदम थिरके। इसी क्रम में हनुमान चालीसा का एकस्वर से पाठ हुआ। इस दौरान समिति के मंत्री विजय अग्रवाल, पंकज आदि भी मौजूद रहे।


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