साहब के दर पर सोई सुरक्षा
मुरादाबाद: पाकिस्तान के पेशावर में सैनिक स्कूल में मासूमों के कत्लेआम और उसके लिए पाक आतंकियों द्वार
मुरादाबाद: पाकिस्तान के पेशावर में सैनिक स्कूल में मासूमों के कत्लेआम और उसके लिए पाक आतंकियों द्वारा भारत को जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद प्रदेश में हाई अलर्ट है, लेकिन अपने जिले में सुरक्षा तंत्र सन्नाटे में खर्राटे भर रहा है। यह आलम किसी आम मुहल्ले का नहीं, बल्कि मंडल व जिले के आला अधिकारियों और रेलवे व रोडवेज का है।
मंडल के रामपुर में सीआरपीएफ सेंटर पर वर्ष 2000 में हमला किया जा चुका है। इसी साल बिजनौर में हमले की तैयारी कर रहे आतंकी विस्फोट में जख्मी होने के बाद फरार हो चुके हैं। मेरठ में लगभग 21 साल पहले पीएसी पर हुए हमले में आरोपी सलीम पतला भी पकड़ा गया है। ऐसे में मुरादाबाद मंडल सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं। मंडल मुख्यालय होने के नाते महानगर में बड़े अधिकारी तैनात हैं तो यहां हाई अलर्ट का विशेष महत्व हैं लेकिन जागरण की तहकीकात में यह सिर्फ कागजी निकला।
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रात 12.08 बजे
दैनिक जागरण टीम गुरुवार की रात सबसे पहले डीआइजी कार्यालय पर पहुंची। बाइक का हार्न बजाया लेकिन मुख्य गेट पर कोई आहट नहीं हुई। फोटोग्राफर ने तड़ातड़ फ्लैश चलाई मगर कोई पूछने नहीं आया। दो मिनट के बाद चलने को हुए तो एक सुरक्षा कर्मी दिखा। पूछने पर खुद को अंकित बताया लेकिन उसने ये नहीं पूछा कि हम कौन हैं और रात में डीआइजी बंगले के गेट पर क्या कर रहे हैं।
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रात 12.15 बजे:
मंडलायुक्त आवास के बाहर पर कोहरे को चीरती तेज रोशनी। यहां भी हार्न बजाया, तो दो सुरक्षा कर्मी गेट पर आए। सुरक्षा कर्मी सचिन और अरविंद ने पूछा भी अर्थात यहां पर सुरक्षाकर्मी चौकस थे।
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रात 12.20 बजे:
जिलाधिकारी का आवास। यहां भी गेट पर तीव्र रोशनी, लेकिन कांठ रोड पर गुजरते वाहनों के चक्कर में किसी को कोई खबर नहीं। कई बार आवाज देने के बाद में सुरक्षा कर्मियों ने पहरा ड्यूटी कक्ष से झांका और फोटो खींचने पर सलाह दी।
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रात 12.39 बजे:
रोडवेज पर रामपुर रोड की साइड में खोखे पर अलाव तापने के दौरान चाय की चुस्की लेते सिपाही और प्रांगण में कुर्सी पर अलाव तापते दो सुरक्षाकर्मी। एक सिगरेट पीते हुए नजर आया। पहले गेट पर कोई नहीं, रोडवेज चौकी में कोई नहीं। पास में ही पुलिस जीप खड़ी थी और उसमें सुरक्षाकर्मी खर्राटें भर रहा था। फोटो खींचने के दौरान यात्री पूछते भी हैं लेकिन सुरक्षा कर्मी गहरी नींद था।
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रात 12.45 बजे:
रेलवे स्टेशन पर चहल-पहल। मुख्य गेट पर यात्रियों की आवाजाही। एनाउंस हो रहा है जेसलमैर एक्सप्रेस के आने का, मगर गेट पर क्या पूरे क्षेत्र में कोई सुरक्षाकर्मी नजर नहीं आया। यानि हाई अलर्ट के दावे खोखले और यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे।
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रात 1.16 बजे:
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आवास पर भी सुरक्षा के नाम पर कोई नजर नहीं आया। जागरण प्रतिनिधि ने कई बार बाइक का हार्न बजाया लेकिन कोई दिखाई नहीं दिया। लोहे का गेट खुला था। टेलीफोन ड्यूटी कक्ष बंद और बराबर का कक्ष खुला था। जागरण प्रतिनिधि व फोटोग्राफर अंदर पहुंचे लेकिन दूर तक कोई नजर नहीं आया। --------------------------
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कोहरे में लिपटी अस्पताल की इमरजेंसी
रात 11.51 बजे
आपातकालीन सेवा में तैनात फार्मासिस्ट व कर्मचारी बाहर आग ताप रहे थे। थोड़ी ही देर पहले जिलाधिकारी भ्रमण कर निकले थे। इसके अलावा पूरी इमरजेंसी में सन्नाटा। डॉक्टर साहब अपने कक्ष में विश्राम कर रहे थे।
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रात 01.22 बजे:
जिला चिकित्सालय के आपात कक्ष में डॉक्टर एक मरीज को देख रहे थे, लेकिन सुरक्षा के नाम पर कोई नहीं था। यही हाल महिला चिकित्सालय का भी था।
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अधिकारियों की सुरक्षा
आवास-तैनात सुरक्षा कर्मी-दिखाई दिए
डीआइजी-एक हेड कांस्टबिल, तीन सिपाही- मात्र एक
मंडलायुक्त-एक हेड कांस्टबिल, तीन सिपाही-मात्र दो
डीएम-एक हेड कांस्टबिल, तीन सिपाही- मात्र दो
एसएसपी -एक हेड कांस्टबिल, तीन सिपाही- कोई नहीं
::तैनाती आरआइ के मुताबिक