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अभियान: महानगर को नियोजित विकास की जरूरत

मुरादाबाद : दस साल में महानगर ने तेजी से विकास हुआ है। यह विकास नियोजित नहीं है। महानगर को नियोजित व

By Edited By: Published: Sat, 20 Dec 2014 01:03 AM (IST)Updated: Sat, 20 Dec 2014 01:03 AM (IST)
अभियान: महानगर को नियोजित विकास की जरूरत

मुरादाबाद : दस साल में महानगर ने तेजी से विकास हुआ है। यह विकास नियोजित नहीं है। महानगर को नियोजित विकास की जरूरत है। पुराने शहर से लेकर दिल्ली रोड तक विकास का खाका तैयार होना चाहिए। उसी पर एक सिरे से काम शुरू होना चाहिए।

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तरक्की के तेरह साल अभियान के तहत मंथन में कांठ रोड स्थित दैनिक जागरण कार्यालय में शुक्रवार को जुटे महानगर के आर्किटेक्ट, सीए व विकास से जुड़े लोगों ने कहा कि दिल्ली से मात्र 160 किमी की दूरी पर होने के बावजूद महानगर का विकास तेजी से होना चाहिए। जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से ऐसा नहीं हो सका। लोकोशेड पुल की फाइल बड़ौदा हाउस में फंसी है। हमारे जनप्रतिनिधियोंको इसकी पैरवी करने की फुर्सत तक नहीं है। ¨रग रोड के लिए रामगंगा किनारे जमीन की कमी का बहाना बनाया जाता है, लेकिन रामगंगा नदी के आसपास की जमीन का अधिग्रहण हो सकता है। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण व आवास विकास परिषद द्वारा बसाई जाने वाली कुछ कालोनियों अभी तक विकसित नहीं हैं। वहां बुनियादी जरूरतों जैसे बाजार, अस्पताल आदि की कमी भी पूरी नहीं हो सकी है। आर्किटेक्टों ने वायदा किया कि वे जल्द ही महानगर के विकास को लेकर प्रशासन के अधिकारियों के सामने एक विजन डाक्यूमेंट पेश करेंगे।

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'समस्याओं के जन्मदाता हम स्वयं हैं। शहर में लगने वाले जाम के लिए हम खुद जिम्मेदार हैं। मुख्य सड़कों का अतिक्रमण जब तक नहीं हटेगा, तब तक जाम की समस्या का समाधान नहीं होगा। आबादी बढ़ने के साथ ही वैकल्पिक मार्गो को विकसित किया जाना चाहिए।

दीपक बाबू, चार्टर्ड एकाउंटेंट

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'शहर में आबादी बढ़ने के साथ वाहन भी बढ़े हैं, लेकिन विकास नहीं हुआ है। सड़कों तक अतिक्रमण है। कालोनियों में घरों के आगे जाली लगाकर कब्जा कर लिया गया है। जब तक हम खुद नहीं सुधरेंगे, तब तक शहर की व्यवस्था नहीं सुधार सकते हैं।

यूसुफ मलिक, निर्यातक

'किसी भी शहर के विकास के लिए हरियाली जरूरी है। बाजारों में चलने के लिए रास्ता नहीं है। इसके लिए हमें आगे बढ़कर काम करना पड़ेगा। प्रशासनिक अधिकारियों को इच्छाशक्ति से काम करना पड़ेगा। इसमें हमारा सहयोग लिया जाए।

अनुज गुप्ता, आर्किटेक्ट

'अभी तक शहर का विकास बस पैचवर्क सरीका हो रहा है। महानगर को नियोजित विकास की जरूरत है। ऐसा मास्टर प्लान बनना चाहिए, जिसमें पुराने व नए दोनों शहरों की बेहतरी का रोडमैप शामिल हो, वोटों के हिसाब से विकास की बात बंद होनी चाहिए।

अनुज सिंह, सचिव, मुरादाबाद आर्किटेक्ट एसोसिएशन

' तेरह साल पहले जो मास्टर प्लान बनाया गया, उसमें भविष्य के विकास का कोई सोच नहीं थी। कोई ¨रग रोड विकसित नहीं की गई। बीस साल से दिल्ली रोड को कांठ रोड से नहीं जोड़ा जा सका। यातायात कई गुना बढ़ा है। महानगर में एक अदद पार्किंग स्थल तक नहीं हैं।

- विनीत सिंह, आर्किटेक्ट

'लोकोपुल उस समय का बना है, जब शहर की आबादी पचास हजार थी। अब शहर की आबादी दस लाख से अधिक हो गई है। आबादी के हिसाब से महानगर को कम से कम दस फ्लाईओवर की जरूरत है। हमारे जनप्रतिनिधियों को कम से कम विकास के मामले में पैरवी करनी चाहिए।

- एसके वर्मा, आर्किटेक्ट

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- शहर दो हिस्सों में बंटा है। एक छोर पर गांगन, तो दूसरे पर रामगंगा है। शहर को विभाजित करने वाली रेलवे लाइन है। नदी के किनारे-किनारे लगभग 11 किलोमीटर की सड़क बनानी चाहिए। कांठ रोड पर पार्किंग होनी चाहिए।

आरके मलिक, आर्किटेक्ट

-हम बाजार क्षेत्र में जगह न होने की बात कहते हैं। सरकारी संपत्तियों का विकास के मामले में बेहतर उपयोग नहीं हो रहा है। नियोजित विकास के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को पब्लिक सेक्टर की भी मदद लेनी चाहिए। हम प्लान तैयार कर रहे हैं। शीघ्र अधिकारियों को प्रजेंटेशन देंगे।

- वाईपी गुप्ता, आर्किटेक्ट

'शहर के विकास के लिए लक्ष्य निर्धारित करने होंगे। वृहद मास्टर प्लान लागू करना होगा। बड़े शहरों के विकास को देखते हुए शहर का विकास होना चाहिए। संकरी सड़कों को चौड़ा करने के लिए अतिक्रमण हटाना होगा।

श्वेतांसु वर्मा, आर्किटेक्ट

'आबादी बढ़ने के साथ शहर का विकास नहीं किया गया, इसी से जाम और अन्य अव्यवस्थाएं पैदा हो गई हैं। विकास की योजनाओ के लिए राजनेताओं के पास वक्त नहीं है। अधिकारियों ने कुछ सपने दिखाएं हैं, आगे देखिए इन पर क्या होता है। हम इसका इंतजार करेंगे।

राजीव जौहरी, एडवोकेट

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विकास के दस मंत्र

-पुराने से लेकर नए शहर की जरूरतों के हिसाब से विकास योजनाएं बनें।

- रामगंगा के आसपास की जमीन का अधिग्रहण कर ¨रग रोड विकसित की जाए।

- प्रस्तावित लोकोपुल को फ्लाईओवर के रूप में सीधे सम्भल चौराहा ओवरब्रिज से जोड़ा जाए

- महानगर को चार फ्लाईओवर की जरूरत है

- सरकारी कालोनियों को विकसित करने में बुनियादी जरूरतों का ध्यान रखा जाए

- बीच बाजार स्थित सरकारी भूमि का उपयोग पार्किंग स्थल विकसित करने में किया जाए।

- सभी सरकारी कार्यालयों को शहर के बाहर विकसित किया जाए।

- कांठ रोड की कालोनियों के मुख्य मार्गो को व्यावसायिक घोषित किया जाए।

-कांठ रोड की कालोनियों के लिए वैकल्पिक मुख्य मार्ग बनाया जाए।

- महानगर में एक पिकनिक स्पॉट को विकसित किया जा सकता है।


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