मुरादाबादी चावल के मुरीद हुए विदेशी
मुरादाबाद। मुरादाबाद मंडल का चावल विदेशों में खुशबू बिखेर रहा है। बढ़ती मांग को देखते हुए मंडल में ख
मुरादाबाद। मुरादाबाद मंडल का चावल विदेशों में खुशबू बिखेर रहा है। बढ़ती मांग को देखते हुए मंडल में खुशबूदार धान की पैदावार भी लगातार बढ़ रही है, जबकि गरीब के खाने वाले चावल की पैदावार में गिरावट आई है। इसके कारण मंडल में सरकारी धान खरीद केंद्रों पर धान बेचने वाले किसान नहीं पहुंच रहे हैं।
सरकार ने पहली अक्टूबर से धान खरीद केंद्र खोल रखा है और धान का समर्थन मूल्य 1360 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया है। दो माह बीतने जा रहे हैं, उसके बाद भी खरीद केंद्रों पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या काफी कम है। अभी तक 15 मैट्रिक टन ही धान खरीदा गया है। धान खरीद कम होने से संभागीय खाद्य नियंत्रण विभाग ने कारण खोजा। विभाग ने कृषि विभाग से धान के उत्पादन, मंडी समिति से धान बेचने वालों की जानकारी एकत्र की। इसमें पता चला कि वर्ष 2009 तक मंडल में 99 प्रतिशत तक मोटे धान का उत्पादन होता था। वर्ष 2010 के बाद किसानों ने मोटे धान की बजाय पतला धान पैदा करना शुरू कर दिया है। इस साल 10 लाख 39 हजार 748 मैट्रिक टन धान पैदा होने की उम्मीद है। जिसमें 52 प्रतिशत से अधिक धान पतला है। जिसमें सुगंधा, बासमती, सरबती जैसे खुशबूदार धान शामिल हैं। यह धान बाजार में 18 सौ से 22 सौ रुपये प्रति कुंतल की दर तक बिक रहा है। मोटे धान के समर्थन मूल्य और पतले धान की कीमत में काफी अंतर है, इसलिए किसान धान बेचने मंडी जा रहे हैं।
मंडल के हसनपुर, चंदौसी, बहजोई व सम्भल मंडी में खुशबूदार धानों की सबसे अधिक खरीद होती है। इस मंडी से खाड़ी देशों को चावल भेजने वाले दादरी व दिल्ली के राइस मिल संचालक धान खरीदते हैं। कार्यवाहक संभागीय खाद्य नियंत्रक अशोक पाल ने बताया कि मोटे धान की पैदावार कम होने से खरीद केंद्रों पर धान कम पहुंच रहा है। अच्छी कीमत मिलने के कारण किसान पतला धान मंडी में ले जाकर बेच रहा है। मुरादाबाद मंडल के खुशबूदार धान की क्वालिटी काफी अच्छी है, इसलिए सऊदी अरब समेत अन्य खाड़ी देशों में चावल भेजने वाले मिल संचालक मंडियों से धान खरीद रहे हैं।