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'अपनों' को गंवाने वाले का छोड़ा साथ

मुरादाबाद । सरकार ने केदारनाथ त्रासदी में 'अपनों' को गंवाने वाले परिवारों का साथ छोड़ दिया है। उत्तरा

By Edited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 01:06 AM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 01:06 AM (IST)
'अपनों' को गंवाने वाले का छोड़ा साथ

मुरादाबाद । सरकार ने केदारनाथ त्रासदी में 'अपनों' को गंवाने वाले परिवारों का साथ छोड़ दिया है। उत्तराखंड सरकार की मुआवजा राशि का भी भुगतान नहीं किया है। 17 महीने से अपनों के गम में रो रहे पीड़ितों को सुनने की किसी को फुरसत नहीं है।

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केदारनाथ त्रासदी में 16 जून 2013 को महानगर के सात परिवारों के 19 लोग लापता हो गए। किसी के बेटे-बहू व पोते-पोतियां तो किसी के मां-बाप गुम हो गए। जिन्हें मृत मानकर अंतिम संस्कार कर दिया। उत्तराखंड सरकार ने मृतकों का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया। एक साल पहले हर मृतक के परिजन को 5.5 लाख रुपये मुआवजा राशि भी जारी कर दी है। यह राशि सीधे नहीं देकर पहले प्रदेश (उत्तर प्रदेश) सरकार को आनी थी। वहां से मृतकों के आश्रितों को चिह्नित कर आवंटित की जानी थी। परिजन बैंक खाते में रकम जमा करने की कार्रवाई कर चुके हैं। पहले देहरादून से रकम लखनऊ भेजने को कहा गया। लखनऊ से बताया गया कि खाते में रकम भेजी जा चुकी है। इसे लेकर पीड़ित भी देहरादून व लखनऊ में कई चक्कर लगा चुके हैं। अभी तक रकम खातों में नहीं आई है। कमिश्नर सुधीर गर्ग ने बताया कि इस बारे में शासन स्तर पर पता करेंगे।

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मृतकों के परिजनों का दर्द

केजीके होम्योपैथी कालेज में चिकित्सक डॉ.योगेंद्र उपाध्याय व श्यामलता उपाध्याय केदारनाथ त्रासदी में लापता हुए। इनका छोटा बेटा प्रभात देहरादून से बीटेक कर रहा है। पिताजी की सरकारी नौकरी के फंड का भी पैसा डेढ़ साल से नहीं मिला और न सहायता राशि। प्रभात के बड़े भाई शिव हरिओम उपाध्याय सामान्य अधिवक्ता हैं। प्रभात रिश्तेदारों से कर्ज लेकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं।

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रामगंगा विहार निवासी आरएन दीक्षित के इकलौते पुत्र रमन दीक्षित, पत्‍‌नी निशि दीक्षित, पोती सलोनी व आभा के साथ केदारनाथ त्रासदी के शिकार हो गए। सरकार इस बुढ़ापे में आरएन दीक्षित को सहायता राशि देने का आश्वासन देकर भावनाओं से खिलवाड़ करती आ रही है। रमन दीक्षित रूद्रपुर के एक कांवेंट स्कूल में शिक्षक थे।

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पीएसी निवासी कल्याण सिंह के बेटा यश कुमार, बहू डिंपल व दो पोते सुयश व सक्षम भी केदारनाथ त्रासदी में मर गए। अब बूढ़े मां-बाप को बेटा तो नहीं मिल सकता लेकिन सहायता राशि भी नहीं मिली है। यश कुमार सैंटपॉल स्कूल में शिक्षक व सोनकपुर स्टेडियम में हैंडबॉल के कोच थे।

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केदारनाथ त्रासदी में मृतक

-रामगंगा निवासी रमन दीक्षित व पत्‍‌नी निशि दीक्षित, बेटी सलोनी व आभा।

-केजीके कालेज होम्योपैथी कालेज निवासी चिकित्सक योगेंद्र उपाध्याय पत्‍‌नी श्यामलता उपाध्याय।

-तेईसवीं वाहिनी के यश उनकी पत्‍‌नी डिंपल दो पुत्र सक्षम व सुयश।

-गोविंद नगर के सुभाष चंद्र शर्मा पत्‍‌नी निर्मला व पोती रिमझिम।

-गोविंद नगर के ऋषिराज शर्मा व पत्‍‌नी राजेश्वरी शर्मा।

-ठाकुरद्वारा के भोजराज शर्मा व पत्‍‌नी श्यामा देवी शर्मा।

-चंदौसी के मुंसिफ रोड निवासी सुमित मिश्रा व प्रिया मिश्रा।


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