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कोड के लिए बरेली लगानी पड़ेगी दौड़

By Edited By: Published: Mon, 22 Sep 2014 01:30 AM (IST)Updated: Mon, 22 Sep 2014 01:30 AM (IST)
कोड के लिए बरेली लगानी पड़ेगी दौड़

मुरादाबाद :

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इंप्रूवमेंट फॉर्म आनलाइन भरने वाले विद्यार्थियों की मुश्किल बढ़ने वाली है। गड़बड़ी के बाद विश्वविद्यालय इसे कालेजों पर डालने पर उतारू है तो कालेज इससे पल्ला झाड़ रहे हैं। कुल सचिव का कहना है कि जिनको दिक्कत है वे बरेली आकर कोड ले जाएं।

हिंदू कॉलेज में बीकॉम अंतिम वर्ष के छात्र गौरव पाल ने तीन दिन पहले इंप्रूवमेंट का फॉर्म आनलाइन भरा था। चालान निकलवाकर रुपये कॉलेज के ही पास स्थित शाखा में जमा करा दिए, लेकिन अभी तक फॉर्म भरने के लिए उसे विश्वविद्यालय की तरफ से कोड जारी नहीं किया गया है। जिसके चलते वह फॉर्म नहीं भर पा रहा है। इसी तरह एमएससी प्रथम वर्ष के छात्र नितिन अरोरा को भी चालान जमा किए दो दिन बीत चुके हैं, लेकिन उसे विश्वविद्यालय ने कोड जारी नहीं किया है। विद्यार्थी जब कॉलेज प्रशासन पहुंचे तो कोई जवाब नहीं मिला।

यह दो केस बानगी भर हैं। ऐसे ही सैंकड़ों विद्यार्थी इन दिनों परेशान घूम रहे हैं। जिन्होंने आनलाइन फॉर्म भरा, उसके बाद चालान निकलवाकर धनराशि बैंक में जमा कर दी, लेकिन उन्हें विश्वविद्यालय ने कई दिन बीत जाने के बाद भी कोड जारी नहीं किया है। अब विद्यार्थियों की जेब से रुपये भी जा चुके हैं और फॉर्म भी नहीं भरा गया है। ऐसे में आनलाइन व्यवस्था कई विद्यार्थियों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है। जब विद्यार्थी कॉलेज प्रशासन के पास पहुंच रहा है तो कॉलेज प्रशासन से भी कोई संतोष जनक जवाब नहीं मिल रहा है।

आनलाइन फॉर्म भरने के दौरान वेबसाइट पर कोई दिक्कत समस्या होने पर हेल्प लाइन नंबर भी दिया गया है, लेकिन उस नंबर पर भी विद्यार्थियों की किसी से कोई बात नहीं हो पा रही है।

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यह है फॉर्म भरने की प्रक्रिया ::

पहले चालान निकलकर आएगा। जिसका प्रिंट आउट लेकर बैंक में धनराशि जमा करानी होगी। इसके बाद 24 से 48 घंटे के भीतर विद्यार्थी को विश्वविद्यालय उसकी मेल आइडी और मोबाइल नंबर पर एक कोड भेजेगी। जिसके बाद विद्यार्थी आगे का फॉर्म भर पाएगा।

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जिन विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय से कोड नहीं मिला है। वह अपने कॉलेज से संपर्क करें। कॉलेज के माध्यम से एक एप्लीकेशन लिखकर विश्वविद्यालय भेजें या खुद आएं। विद्यार्थियों को कोड दे दिया जाएगा।

- एके सिंह, कुलसचिव, एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय


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