अरेस्टिंग स्टे के लिए हाईकोर्ट पहुंचा बाबू
मुरादाबाद। डीएम के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर शासन व प्रशासन को गुमराह करने वाले पंचायत विभाग के बाबू अरुण गुप्ता को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। वह पुलिस को चकमा देकर अरेस्टिंग स्टे हासिल करने के लिए हाईकोर्ट पहुंच गया है। मंगलवार को इस मामले की सुनवाई होगी।
अरुण गुप्ता के खिलाफ डीएम दीपक अग्रवाल के निर्देश पर थाना सिविल लाइंस में 26 अगस्त को रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। मगर अभी तक पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी। इस बीच अरुण ने अरेस्टिंग स्टे हासिल करने के लिए न्यायालय से गुहार की है। इस मामले में वैज्ञानिक अधिकारी सुरेश शर्मा की ओर से हाईकोर्ट में केबिएट दाखिल किया गया है, जिस वजह से उन्हें स्टे की जानकारी मिली। अरुण गुप्ता के घर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, जिले के कई सत्ताधारी नेताओं के फर्जी पैड, मुहर व डीएम के फर्जी हस्ताक्षर कर लोगों की फर्जी शिकायत के पत्र बरामद हुए थे। उसके लैपटाप में दर्जनों फर्जी लेटर हेड, मुहरें व डीएम का फर्जी पत्र भी मिला था। इसी लेटर पैड के जरिए अरुण ने क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारी सुरेश चंद्र शर्मा के तबादले की सिफारिश की थी।
छह सितंबर तक छुट्टी
बाबू अरुण गुप्ता शहर में ही छिपा है। उसने स्वीकृत कराए बिना छह सितंबर तकअवकाश पर रहने का प्रार्थनापत्र अधिकारियों को डाक से भेजा है। ।
कर्मचारियों का वेतन रुका
अरुण गुप्ता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने से पंचायत विभाग में सोमवार को भी सन्नाटा रहा। काम ठप होने से सफाई कर्मचारियों समेत लगभग दो हजार पंचायत कर्मचारियों का वेतन, ग्राम पंचायतों को 13 वें वित्त व राज्य वित्त आयोग की राशि भी आंवटित नहीं हुई। ग्राम पंचायत लालपुर तीतरी के प्रधान देवेंद्र सिंह के मुताबिक ग्राम निधि की राशि अवमुक्त न होने से विकास कार्य ठप हैं।
अरुण गुप्ता का छह सितंबर तक अवकाश पर रहने का पत्र मिला है। जिसे किसी ने स्वीकृत नहीं किया है। स्टे के लिए हाईकोर्ट पहुंचने की भी जानकारी मिली है।
-फैसल आफताब,सीडीओ
कार्यालय का काम बाधित न हो इस वास्ते अस्थाई व्यवस्था के लिए अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।
-रामबाबू सोनकर, पीडी व प्रभारी डीपीआरओ
अरुण के खिलाफ एक और तहरीर
जिला अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर कर वैज्ञानिक अधिकारी के तबादले की सिफारिश करना पंचायत विभाग के लेखा लिपिक अरुण गुप्ता को महंगा पड़ गया। अब सीडीओ फैसल आफताब के निर्देश पर वैज्ञानिक अधिकारी सुरेश चंद्र शर्मा ने थाना सिविल लाइंस में उसके खिलाफ तहरीर दी है। आरोप है कि अरुण ने सपा के पूर्व जिला अध्यक्ष मनमोहन सैनी व पंचायती राज प्रधान संगठन के जिला अध्यक्ष हाजी हारून सैफी के फर्जी लेटर पैड व हस्ताक्षरों से वैज्ञानिक अधिकारी पर घिनौने आरोप लगाए थे। जांच में श्री सैनी व श्री सैफी के हस्ताक्षर फर्जी पाए गए थे।