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चार्जशीट के खिलाफ हाइकोर्ट पहुंचे डॉ धर्र्मेद्र

By Edited By: Published: Wed, 20 Aug 2014 10:13 PM (IST)Updated: Wed, 20 Aug 2014 10:13 PM (IST)
चार्जशीट के खिलाफ हाइकोर्ट पहुंचे डॉ धर्र्मेद्र

मुरादाबाद : सवा साल पहले जिला अस्पताल की इमरजेंसी में मुर्दे को इंजेक्शन लगाने के मामला स्वास्थ्य विभाग का पीछा नहीं छोड़ रहा है। इस मामले में चार्जशीट देकर स्थानांतरित किए गए डॉ धर्मेद्र सैनी ने अब हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य निदेशालय से जबाव मांगा है।

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21 जून 2013 को इमरजेंसी में सुबह करीब पौने आठ बजे एक घायल की मौत हो गई थी। उस वक्त डयूटी पर तैनात डा. तरुण यादव ने उसे मृत तो घोषित कर दिया लेकिन इससे संबंधित कागजी लिखापढ़ी नहीं की थी। आठ बजे ड्यूटी पर आए डॉ धर्मेद्र सैनी ने मुर्दे को ही इंजेक्शन लगा दिया था। बाद में उन्होंने इससे संबंधित कागजात भरे थे। मामले ने तूल पकड़ा तो एडी के निर्देश पर तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी। समिति ने दोनों ही डॉक्टरों की लापरवाही मानते हुए कठोर चेतावनी जारी की थी। डॉ सैनी को इमरजेंसी डयूटी से स्थायी तौर पर हटा दिया गया था। बाद में प्रमुख सचिव की ओर से डॉ धर्मेद्र सैनी को चार्जशीट जारी कर उनका तबादला लखीमपुर के लिए कर दिया था। इन दिनों डॉ सैनी सम्भल में तैनात हैं। इसकी वजह से डॉ सैनी की पदोन्नति भी रुक गई है।

डॉ सैनी ने हाइकोर्ट में दायर याचिका में निदेशालय के अफसरों के साथ सीएमओ डॉ संजीव यादव को व्यक्तिगत रूप से पार्टी बनाया है। डॉ सैनी का आरोप है कि जब कमेटी ने दोनों को चेतावनी जारी की थी तो उन्हें अकेले चार्जशीट जारी करने का औचित्य नहीं था। सीएमओ ने व्यक्तिगत क्षति पहुंचाने के मकसद से गलत रिपोर्ट भेजी। मामले की सुनवाई बुधवार को हुई। हाइकोर्ट की इलाहाबाद बेंच ने इस मामले में स्वास्थ्य विभाग से पूरी रिपोर्ट तलब की है।


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