निजी बसों के रूट पर घमासान
मुरादाबाद : सम्भल चौराहा ओवरब्रिज निर्माण के चलते रूट डायवर्जन में शहर से बाहर की गई रामनगर-बाजपुर रूट की बसों के स्वामियों ने नई मुहिम शुरू की है। इन लोगों ने प्रशासन से बसों का संचालन पुराने बस अड्डों से वाया कांठ रोड करने की गुहार लगाई है। इसकी भनक लगते ही रोडवेज प्रशासन ने विरोध शुरू कर दिया है।
रामनगर व बाजपुर के लिए करीब 54 बसों के परमिट हैं। ये बसें सम्भल चौराहे से पहले अपने बस अड्डों से चलती थीं। दोनों ही यूनियनों के पास अपनी जमीन है। ओवरब्रिज निर्माण के चलते इन बसों को रामपुर तिराहे से संचालन की अनुमति दी गई थी। रामपुर तिराहे से बसों के संचालन से सवारियों में कमी आ रही है। इससे दोनों यूनियनों के पदाधिकारियों ने पेशबंदी शुरू कर दी।
पहले तो इन लोगों ने बसों को डीजल आदि भरवाने के लिए शहर में आने की अनुमति मांगी। प्रशासन ने इससे साफ इन्कार कर दिया तो अब इन्होंने यात्रियों की सुविधा को 'हथियार' बनाया है। इन लोगों की मांग है कि उन्हें अपने बस अड्डों से ही बसें चलाने की अनुमति दी जाए। बसों को रेलवे स्टेशन के सामने, फव्वारा चौक, पीलीकोठी, कांठ रोड से विवेकानंद पुल होते हुए तय किया जाए। परमिट रूट के अस्थायी परिवर्तन के लिए आरटीओ दफ्तर में भी आवेदन किया गया है। रोडवेज प्रशासन ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। क्षेत्रीय प्रबंधक पीआर बेलवारियर का कहना है कि यदि ऐसा होता है तो हम भी शहर के बीचोंबीच से संचालन की अनुमति मांगेंगे। निजी बसों के संचालन से तो शहर में जाम के हालात और भी बिगड़ जाएंगे। आरटीओ (प्रशासन) आरके श्रीवास्तव का कहना है कि इसमें हमें कोई निर्णय नहीं लेना है। ये व्यवस्था प्रशासन की है। हां, अगर चेकिंग के दौरान बसें अपने रूट से अलग चलती मिली तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
काशीपुर-रामनगर बस यूनियन के अध्यक्ष शकील अहमद चौधरी का कहना है कि हमने यात्रियों की असुविधा को देखते हुए ये अनुमति मांगी है। अभी हम बसें दस मिनट में चलाते हैं। इस रूट से हमें सुपरफास्ट बसों को चलाने की अनुमति दे दी जाए।