आरपीएफ की हीलाहवाली पर बिफर पड़े डीआइजी
मुरादाबाद। आरपीएफ के डीआइजी एस मंयक ने जननायक एक्सप्रेस डकैती प्रकरण में आरपीएफ की भूमिका पर नाराजगी जताई है। साथ ही कहा कि जीआरपी मुकदमा दर्ज करे या नहीं, मगर वारदात की सूचना तत्काल उत्तर रेलवे मुख्यालय को दें। जिससे प्रदेश के मुख्य सचिव व डीजीपी से वार्ता कर त्वरित कार्रवाई कराई जा सके।
जननायक एक्सप्रेस डकैती की वारदात के बाद सोमवार को डीआरएम सभागार में आरपीएफ के सभी इंस्पेक्टर व जीआरपी के अफसरों की संयुक्त बैठक हुई। इसमें रेलवे मुख्यालय दिल्ली से आए डीआइजी ने जननायक एक्सप्रेस की घटना पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अगर आरपीएफ ने लक्सर में ट्रेन की चेकिंग की होती तो घटना की तत्काल जानकारी हो जाती। इससे बदमाशों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई शुरू हो जाती। इससे अपराधी पकड़े भी जा सकते थे। मगर सूचना के बावजूद नजीबाबाद में भी आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर व जीआरपी टीम नहीं पहुंची। मुरादाबाद में अकेले आरपीएफ पीड़ित यात्रियों का बयान दर्ज कर फाइल में बंद कर दिया। इसकी सूचना उत्तर रेलवे मुख्यालय को नहीं दी। इसके लिए आरपीएफ के इंस्पेक्टर के साथ ही अफसर भी दोषी हैं। डीआइजी ने रेल मंत्रालय के आदेश की जानकारी देते हुए कहा कि चलती ट्रेन में डकैती, हत्या, दुष्कर्म या छेड़छाड़ की सूचना जीआरपी के साथ ही उत्तर रेलवे मुख्यालय को देना जरूरी है। उन्होंने अपराध रोकने में जीआरपी की मदद करने के निर्देश दिए। स्टेशन पर ट्रेनों की चेकिंग व संदिग्ध यात्रियों से पूछताछ के भी आदेश दिए। बैठक में आरपीएफ कमांडेंट रफीक अहमद अंसारी, असिस्टेंट कमांडेंट पंकज मिश्रा, सीओ रेलवेज राजन त्यागी के अलावा आरपीएफ के इंस्पेक्टर मौजूद रहे।