मीरजापुर में गांव के छोरे ने रचाई जापानी बाला संग शादी
मीरजापुर का औरईया गांव एक अनोखी शादी का गवाह बना। गांव के निखिल सिंह पटेल का विवाह धूम-धड़ाके के साथ जापान के आयुमी के साथ हुआ।
मीरजापुर (जेएनएन)। औरईया गांव शुक्रवार को एक अनोखी शादी का गवाह बना। गांव के ही निखिल सिंह पटेल का विवाह धूम-धड़ाके के साथ जापान के आयुमी के साथ हुई। इस वैवाहिक समारोह का दिलचस्प पहलू रहा माता- पिता व अन्य परिवारीजन के साथ वधू का ससुराल पहुंचना। इस शादी में बहुतेरे बिन बुलाए मेहमान भी शामिल हुए।
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गांव के किसान राजेंद्र सिंह पटेल के दूसरे पुत्र निखिल सिंह पटेल वर्ष 2012 में उच्च शिक्षा के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय चले गए। वहां पर उन्होंने मास्टर आफ टूरिज्म के कोर्स में दाखिला लिया। वहां पर उसकी भेंट जापान के आइजुमिको नगर के इसुमिचुओ निवासी आयुमी से हुई। आयुमी भी वही कोर्स कर रही थी। आयुमी से दोस्ती गहरी होने पर बातचीत को बेहतर बनाने के लिए निखिल ने जापानी भाषा के डिप्लोमा की भी पढ़ाई शुरू कर ली। इसमें आयुमी ने उसकी पूरी सहायता की। धीरे-धीरे दोनों की दोस्ती पर प्यार का रंग चढऩे लगा। दोनों के बीच साथ मरने- जीने और कसमों- वादों का सिलसिला चल पड़ा। कोर्स के बाद इस प्रेमी युगल ने अपने परिवारीजन से विवाह की बात की तो दोनों ही परिवार वालों ने इन्कार कर दिया। हालांकि कुछ दिनों बाद जीत निखिल व आयुमी की ही हुई। उनके माता-पिता को को अपनी संतानों की खुशी के आगे झुकना पड़ा।
हिंदू रीति रिवाज से हुआ विवाह
शादी हिंदू रीति- रिवाजों से हुई। हालांकि आयुमी, उसके पिता यूची सातो व मां मोरिका सातो बौद्ध मतावलंबी हैं। हिंदू पद्धति से विवाह पर उन्होंने कोई आपत्ति नहीं की। आयुमी को हिंदू दुल्हन के परंपरागत लिबास साड़ी- ब्लाउज में सजाया गया।
बिन बुलाए मेहमान भी पहुंचे
इस अनोखी शादी की चर्चा आसपास के क्षेत्र में बिजली की तरह फैल गई। इस अनोखी शादी व जोड़े को देखने के लिए दूर- दूर से लोग बिना बुलावे के ही राजेंद्र सिंह के घर पहुंचे। राजेंद्र सिह के बड़े पुत्र नीरज घर पर ही रहकर कृषि कार्य करते हैं। वह सुबह से ही मेहमानों के आवभगत में लगे थे।