मीरजापुर में बहेगी स्वजलधारा
मीरजापुर : गरमी आते ही पेयजल को लेकर हाहाकार मच जाता है। पठारी इलाकों में पानी के लिए लोग रतजगा करने को मजबूर हो जाते है लेकिन अब ऐसी नौबत नहीं आयेगी। जिला प्रशासन का दावा है कि जिले में अब जिला पेयजल एवं स्वच्छता मिशन का गठन किया गया है। शासन द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष प्रमिला सिंह को अध्यक्ष, सांसद, विधायक, विधान परिषद सदस्य, डीएम, सीडीओ, सीएमओ, डीपीआरओ, जिला विद्यालय निरीक्षक, समाज कल्याण अधिकारी, अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई, जिला कृषि अधिकारी मिशन के सदस्य नामित किये गये हैं। जिला विकास अधिकारी को सचिव बनाया गया है। 24 अक्टूबर को विकास भवन सभागार में जिला पंचायत अध्यक्ष की मौजूदगी में बैठक बुलायी गयी है। सूत्रों की माने तो जिले स्तर पर ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम को मिशन के माध्यम से ही संचालित किया जाना है। पेयजल योजनाओं की स्वीकृति के पश्चात उसे मिशन के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। मिशन ही पेयजल योजनाओं के क्रियान्वयन का दायित्व संभालेगी। सूत्रों की माने तो पहली बार इस तरह की व्यवस्था लागू की गयी है। बताते चले कि वर्ष 1991 में जल निधि योजना लागू की गयी थी। उस समय दर्जन भर स्वयं सेवी संस्थाओं को गांवों का डीपीआर तैयार करने और उसी के आधार पर योजना बनाने का दायित्व दिया गया था। 500 के करीब डीपीआर भी बनाये गये थे। इतने में ही करीब 30 करोड़ के बजट का बंदरबांट कर लिया गया। न तो एक ओवर हेड टैंक बन पाया और न ही योजना सफल हो पायी। घोटाले के चलते योजना को ही बंद कर दिया गया। उसकी जांच अभी भी चल रही है। दूसरी बार इस तरह की योजना लागू की जा रही है अब देखना यह है कि इसका कहां तक लाभ लोगों को मिल पाता है। इस संबंध में सीडीओ बी राम का कहना है कि बैठक के बाद योजना को मूर्त रूप दिया जायेगा।
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