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प्लानिंग हो तो गुलजार हों पार्क

मीरजापुर : रखरखाव के अभाव में कलेक्ट्रेट पार्क अब उजाड़ खंड होता जा रहा है। चिड़ियाघर के पास पक्षियों

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Apr 2017 06:20 PM (IST)Updated: Sat, 22 Apr 2017 06:20 PM (IST)
प्लानिंग हो तो गुलजार हों पार्क
प्लानिंग हो तो गुलजार हों पार्क

मीरजापुर : रखरखाव के अभाव में कलेक्ट्रेट पार्क अब उजाड़ खंड होता जा रहा है। चिड़ियाघर के पास पक्षियों की बजाय बंदर उछल कूद मचाते रहते हैं। पार्क के सुंदरीकरण की योजना नहीं बनाई जा रही है। कलेक्ट्रेट परिसर में जिलाधिकारी कार्यालय के पश्चिम व एडीएम कार्यालय के ठीक सामने यह पार्क बना हुआ है। इस पार्क में तरह-तरह के फूल-पत्ती पेड़ पौधे तो हैं, लेकिन लोहे की बनी रे¨लग मोर्चा खाकर क्षतिग्रस्त हो गई है। कई पौधे ठूंठ होते जा रहे हैं। पार्क की हरियाली धीरे -धीरे गायब होती जा रही है। पार्क के रखरखाव के लिए कर्मचारी तैनात हैं। पौंधों की ¨सचाई के लिए ट्यूबवेल व साधन सुविधा भी है।

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इस पार्क में सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय से ठीक सटा हुआ एक चिड़ियाघर का निर्माण किया गया है। पहले यहां तरह-तरह के पक्षी रहते थे। चिड़ियाघर की जाली रख रखाव के अभाव में जंग लगने से टूट गई है। अब यह पक्षियों का घर सुरक्षित नहीं रहा। अब चिड़ियों की जगह बंदरों ने स्थान ले लिया है। चिड़ियाघर पर हमेशा बंदर व उनके बच्चे उछल कूद करते दिखाई देते हैं। इस पार्क के सुंदरीकरण के लिए कार्ययोजना नहीं बनाई जा रही है। इसी तरह स्थानीय रेलवे स्टेाशन परिसर का शास्त्री उद्यान भी उजाड़ खंड हो गया है। पेड़ भी सूख गए हैं।


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