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सीबीआइ ने मांगे अभिलेख, हड़कंप

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिले के हलिया विकास खंड में लगभग चार करोड़ के मनरेगा घोटाले की जांच कर

By Edited By: Published: Thu, 19 Jan 2017 11:03 PM (IST)Updated: Thu, 19 Jan 2017 11:03 PM (IST)
सीबीआइ ने मांगे अभिलेख, हड़कंप
सीबीआइ ने मांगे अभिलेख, हड़कंप

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिले के हलिया विकास खंड में लगभग चार करोड़ के मनरेगा घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने कई अभिलेख मांगकर विकास विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। हालांकि विभाग के अधिकारियों ने सफाई दी है कि यह रूटीन की कार्रवाई है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक सीबीआइ जांच अंतिम दौर में है। इस बार सीडीओ, पीडी के स्तर से काटे गए चेक व खरीदे गए फर्नीचर, बोर्ड व प्रशासनिक मद में व्यय का ब्योरा मांगा गया है। उस समय तैनात रहे डीएम, सीडीओ व नोडल अधिकारियों से भी जानकारी मांगी गई है। वर्तमान में अधिकारियों की तैनाती स्थल का ब्योरा भी सीबीआइ जुटा रही है। घोटाले में संलिप्त आधा दर्जन बीडीओ को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। इस मामले को लेकर दो साल पहले 56 लोगों के खिलाफ हलिया थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। सीबीआई इन्हीं तथ्यों को जुटा रही है। इससे विकास भवन कार्यालय में जमे बाबुओं की भी बेचैनी बढ़ गई है।

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सूत्रों के मुताबिक किसी भी समय घोटाले में संलिप्त ठेकेदार व एक दो निर्वतमान सीडीओ को पूछताछ के लिए सीबीआइ बुला सकती है। गुरुवार को कर्मचारियों में इस बात की चर्चा भी रही। आरोप तो यह भी है कि मनरेगा में ऊंचे दाम पर जेनरेटर खरीद लिए गए हैं। इनमें अधिकतर काम नहीं कर रहे हैं। डीजल मद में लाखों रुपये का भुगतान हुआ है। पटेहरा विकास खंड में प्रशासनिक मद में कागज पर बोर्ड खरीद के नाम पर भुगतान हो गया है। सीबीआइ इसकी भी जांच कर रही है। सीबीआइ के पत्र से कई अधिकारियों की नींद उड़ गई है।


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