दवा नहीं, लौटाए जा रहे आंख के रोगी
मीरजापुर: मंडलीय अस्पताल में आंख के रोगियों का साधारण उपचार तो कर दिया जा रहा है लेकिन दवा के अभाव म
मीरजापुर: मंडलीय अस्पताल में आंख के रोगियों का साधारण उपचार तो कर दिया जा रहा है लेकिन दवा के अभाव में आपरेशन के लिए आने वाले मरीज लौटा दिए जा रहे हैं। मजबूरी में मरीजों को निजी डाक्टरों के यहां आपरेशन कराना पड़ता है। सीएमओ डा. एके चौरसिया के मुताबिक आंख की दवा आपूर्ति के लिए फाइल जिलाधिकारी के पास भेजी गई है और उनकी स्वीकृति मिलने के बाद दवा उपलब्ध कराई जाएगी।
अस्पताल में नेत्र रोग की ओपीडी में प्रतिदिन सौ से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। इसमें दस से पंद्रह मरीज आंख के आपरेशन कराने वाले होते हैं। उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। यह दीगर बात है कि आंख में दर्द, पानी आने की शिकायत का इलाज कर दिया जाता है।
आपरेशन में प्रयुक्त होने वाली दवाएं : नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. नंदलाल ने बताया कि आंख का किसी भी आपरेशन करने के लिए नेब्रासीन, आक्यूमाक्स-डी, ट्रोपिकासील, बीजीब्लू, हाइनीडेज, हाइपरसोल, प्रीसेंट, केराटोम, साइड पोर्ट जाइलोकेन सेनसोरकेन, बिटाडीन आदि दवा के अलावा ग्लब्स, हेडकेन और मास्क की जरुरत पड़ती है। इनमें से कोई दवा नहीं है। बाजार में इन दवाओं की कीमत सात से आठ सौ रुपये है।
फोटो- कहने को मंडलीय अस्पताल
सोमवार को अस्पताल खुलने पर एक दर्जन मरीज आपरेशन के लिए पहुंचे थे। ओपीडी में जांच के बाद उनको बताया गया कि दवा नहीं है। इसलिए उनका आपरेशन नहीं हो सकेगा। बथुआ निवासी निर्मला (50), चौहान पट्टी की शिखा (32), घुरहूपट्टी निवासी प्रदीप ¨सह (40) विजयपुर के सुभाष (38) और भुइली निवासी तेजू (53) का कहना है कि मंडलीय अस्पताल कहने को है। यहां आपरेशन की दवाएं ही नहीं हैं जबकि यहां टांगी गई सूची में 148 किस्म की दवाओं का उल्लेख है।