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खूब लड़ी मरदानी

मीरजापुर : प्रसिद्ध सप्तमी का भरत मिलाप में रविवार को झांसी की रानी की झांकी में रानी की तलवार खूब च

By Edited By: Published: Sun, 23 Oct 2016 09:22 PM (IST)Updated: Sun, 23 Oct 2016 09:22 PM (IST)
खूब लड़ी मरदानी

मीरजापुर : प्रसिद्ध सप्तमी का भरत मिलाप में रविवार को झांसी की रानी की झांकी में रानी की तलवार खूब चमकी। युद्धकला का प्रदर्शन करते हुए लोगों को अंग्रेजों के अत्याचार की याद दिलाई। निकली झांकियां वासलीगंज तक पहुंचते-पहुंचते दिन हो गया। अपरंपार भीड़ के बीच में झांकी के कलाकार पूरी दक्षता के साथ जमें रहे।

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शनिवार की रात में त्रिमोहानी तिराहे पर राम व भरत का मिलाप हुआ। उसके बाद से झांकियों का क्रम शुरू हुआ। लगभग दो दर्जन झांकियां निकाली गई। झांकियों की शोभायात्रा त्रिमोहानी से शुरू होकर बसनहीं बाजार, कोतवाली रोड, घंटाघर, वासलीगंज होते हुए गिरधर के चौराहा से वाया पेहटी का चौराहा होते हुए पुन: त्रिमोहानी पहुंची।

खूब चमकी झांसी की रानी की तलवार : झांसी की रानी की झांकी में रानी ने तलवार खूब चमकी। युद्धकला का प्रदर्शन करते हुए लोगों को अंग्रेजों के अत्याचार की याद दिलाई। झांकियों का आगाज हाथी के साथ हुआ। सबसे आगे संत कीनाराम की गद्दी थी। उसके बाद गणेश जी की झांकी थी। दैत्यराज हिरण्यकश्यप और भगवान नृ¨सह के युद्ध के बाद भगवान नृ¨सह का हिरण्यकश्यप का पेट फाड़ना और उनको शांत करने के लिए भक्त प्रह्लाद की प्रार्थना वाली झांकी काफी सराही गई। इसके बाद बालक कृष्ण का पूतना वध ने भी सत्य की असत्य पर विजय को दर्शाया। शिव तांडव, कैलाश पर्वत, राधा कृष्ण, मोहिनी, नृत्य नाटिका व अन्य झांकियों को भी सराहा गया। नृत्य पर आधारित आधा दर्जन झांकियां थीं।

रामदरबार पर हुई पुष्पवर्षा : स्वर्ण पालिश से बनी राजगद्दी पर भगवान श्रीराम का दरबार निकला जिसमें वह माता जानकी और अपने सभी भाइयों और भक्त हनुमान के साथ विराजे थे। रामदरबार के आगे-आगे एक बैंड पर रामधुन और रामभक्ति के भजन की धुन बजायी जा रही थी। झांकी के आगे-आगे कई माली हाथों में फूल माला व फूलों की पंखुड़ियां लिए चल रहे थे। बहुत से लोगों ने वहां और बहुत से घरों से भी रामदरबार पर पुष्पवर्षा की गई।

घंटाघर से ही मुड़ गई थी झांकी : भीड़ और अधिक समय होने के कारण बहुत सी झांकियां घंटाघर से ही मुड़ने जा रही थी लेकिन उनको फिर से पुराने रास्ते से ही ले आया गया। इसी वजह से झांकियों के निकलने में कुछ देर भी हो गई।

रात भर खुले रहे बाजार : त्रिमोहानी से लेकर गिरधर के चौराहा तक पूरे बाजार रात भर खुले रहे। विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठान अपनी- अपनी दुकान खोलकर उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे थे। लाखों लोगों की भीड़ रात भर नगर की सड़कों पर अपने परिवार वालों के साथ रोशनी देखती रही। राड और झालर के साथ पूरे रास्ते को सजाया गया था। घंटाघर व अन्य कई जगहों पर तोरणद्वार बनाकर झांकियों का स्वागत किया गया था। घंटाघर पर 110 स्पीकर से भजनों का प्रसारण किया जा रहा था।

नानखटाई व रेवड़ी की मची धूम: मेला देखकर वापस लौटते हुए लोगों ने मूंगफली, नानखटाई व रेवड़ी खरीदा और बच्चों ने गुब्बारा, पिपहरी व अन्य खिलौने खरीदे।


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