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नामांकन के लिए उमड़ा रेला, लगा रहा जाम

चुनार (मीरजापुर) : ग्राम पंचायत चुनाव के चौथे चरण के लिए शुक्रवार को नरायनपुर ब्लाक की 96 ग्राम

By Edited By: Published: Fri, 27 Nov 2015 08:47 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2015 08:47 PM (IST)
नामांकन के लिए उमड़ा रेला, लगा रहा जाम

चुनार (मीरजापुर) : ग्राम पंचायत चुनाव के चौथे चरण के लिए शुक्रवार को नरायनपुर ब्लाक की 96 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान तथा 1184 ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए नामांकन करने वालों का रेला उमड़ पड़ा। शाम करीब साढ़े सात बजे तक नामांकन दाखिल करने वाले कतार में लगे रहे। उम्मीद से अधिक भीड़ देख कर प्रशासन को भी व्यवस्था बनाए रखने के लिए काफी दिक्कत हुई। नामांकन स्थल पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। प्रत्याशी व उनके प्रस्तावकों को अंदर जाने दिया जा रहा था। पुलिस आने जाने वालों पर नजर रख रही थी।

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13 न्याय पंचायतों के लिए बनाए 13 काउंटर.......

नरायनपुर ब्लाक मुख्यालय पर न्याय पंचायत वार नामांकन की व्यवस्था की गई थी। जहां 13 काउंटर बनाकर उम्मीदारों के नामांकन पत्र जमा कराए जा रहे थे। आरओ सुरेश चंद्र अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण अभिकरण मीरजापुर की देख रेख में निर्वाचन कार्य में लगे कर्मी देर रात तक नामांकन जमा करने तथा उसका विवरण तैयार करने में लगे रहे।

सुरक्षा व्यवस्था में एसओ अदलहाट अर¨वद यादव सदल बल मुस्तैद रहे। नामांकन कार्य के दौरान खंड विकास अधिकारी राजेंद्र ¨सह यादव, एडीओ पंचायत संतोष कुमार श्रीवास्तव, एडीओ कृषि विजय शंकर ¨सह समेत अन्य ब्लाक कर्मी व्यवस्था में लगे रहे।

मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में नहीं छोड़ी कोई कसर

सीखड़

(मीरजापुर) : सीखड़ क्षेत्र में प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्यों के लिए

प्रथम चरण का मतदान 28 नवंबर को होना है। जिसके लिए प्रधान पद के प्रत्याशी

कुर्सी पर कब्जा जमाने की होड़ में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं।

पानी की तरह रुपया बहाने के साथ ही दावतों को

उम्मीदवारों ने वोट हथियाने के लिए प्रमुख हथियार के रूप में इस्तेमाल

किया। शुक्रवार को पूरी रात प्रत्याशी अपने पक्ष में वोटो का ध्रुवीकरण

कराने के लिए मतदाताओं की मिन्नतें करते नजर आए।

गांवों की हर गली और

आम रास्ता पोस्टरों बैनरों से पटा दिखाई दिया जो प्रत्याशियों द्वारा आचार

संहिता की धच्जियां उड़ाने के साथ ही सीमा से अधिक खर्च की कहानी बयां कर

रहे थे। मतदान

के बाद ही पता चलेगा कि मतदाताओं ने यह पगड़ी किस के सिर बांधी।


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