किसानों को रास नहीं आ रहा चुनाव, नेता जी बना रहे माहौल
खरीफ की फसल सूखी, अब रबी की खेती का गहराया संकट मीरजापुर : समूचा जिला भयंकर सूखा की चपेट में आ गया
खरीफ की फसल सूखी, अब रबी की खेती का गहराया संकट
मीरजापुर : समूचा जिला भयंकर सूखा की चपेट में आ गया है। इसका अंदाजा मात्र इसी से लगाया जा सकता है कि कम पानी में होने वाला ज्वार बाजरा भी नहीं बच पा रहा है। सूखा के कारण किसानों को पंचायत चुनाव रास नहीं आ रहा है। अधिकारी व नेता पंचायत चुनाव में लग गए हैं किसानों की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।
ज्वार बाजरा की खेती मुख्य रूप से कोन, छानबे, मझवां क्षेत्र में होती है। यह ऐसी फसल है जिसको एक या दो पानी मिल गया तो उसका उत्पादन हो जाता है। इस अकाल में ज्वार बाजरा भी नहीं बच पा रहा है। इस समय धान ज्वार बाजरा में बालियां निकल रही हैं, ऐसी स्थिति में इन फसलों को पानी की सख्त जरूरत है। बरसात न होने के कारण इन फसलों पर सूखा की काली छाया पड़ गई है।
¨सचाई के लिए जो भी संसाधन हैं, वह सभी बेकार साबित हो रहे हैं। बांधों में पर्याप्त पानी नहीं होने से ¨सचाई विभाग ने हाथ खड़े कर दिए हैं। बिजली के अभाव में नलकूप व लिफ्ट कैनाल नहीं चल पा रहे हैं। जिन किसानों के पास ¨सचाई का संसाधन है, वह भी बिजली का रोना रो रहे हैं। उपभोक्ताओं को लो वोल्टेज व ट्रि¨पग से निजात नहीं मिल रही है। ग्रामीण अंचलों में मुश्किल से चार या पांच घंटे बिजली रही है। बिजली आती है तो वह लो वोल्टेज व ट्रि¨पग के कारण किसी काम की नहीं होती है।
कोन संवाद के अनुसार क्षेत्र में धान की नाममात्र की खेती होती है ज्यादातर किसान सब्जी अरहर मक्का बाजरा की खेती करते हैं। ¨सचाई पानी के अभाव में सभी फसलें सूख गई है। श्रीनिवासधाम: बदेवरा, काजीचौरा, कसधना गांव में सूख रही बाजरा की फसल को किसान काटकर पशुओं के चारा का इंतजाम कर रहे हैं। किसानों को उम्मीद हैं कि अगर बरसात हो गई तो रबी की बुआई कर देंगे। बौता विशेषर, केचुरवा, रामपुर व उंगहर गांव गंगा के किनारे हैं। इस गांव की जमीन ढलान पर हैं।