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गंगा के घाटों पर उमड़ी स्नानार्थियों की भीड़

मीरजापुर: गंगा दशहरा के अवसर पर गुरुवार को गंगा घाटों पर भीड उमडी थी। सुबह से ही श्रद्धालु गंगा में

By Edited By: Published: Thu, 28 May 2015 10:14 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2015 10:14 PM (IST)
गंगा के घाटों पर उमड़ी स्नानार्थियों  की भीड़

मीरजापुर: गंगा दशहरा के अवसर पर गुरुवार को गंगा घाटों पर भीड उमडी थी। सुबह से ही श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने के बाद देवालयों में दर्शन-पूजन किया। साथ ही गंगा के स्वच्छ व निर्मल प्रवाह के लिए हर संभव प्रयास का संकल्प लिया। नगर के बरियाघाट, सुंदरघाट, ¨वध्याचल के पक्का घाट, चंडिका

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घाट व अदलपुरा घाट पर स्नानार्थियों की खासी भीड़ थी। हालांकि घाटों पर सफाई की मुकम्मल व्यवस्था को लेकर प्रशासन की उपेक्षा से श्रद्धालुओं में खासी नाराजगी दिखी। मां ¨वध्यवासिनी

धाम में एक लाख से अधिक देवी भक्तों ने दर्शन पूजन किया। देवालयों में दोपहर तक घंटा- घडियाल बज रहे थे। खेतों में किसानों ने

खेतों की जोर्ताइ कर बीजारोपण कर खेती की शुरूआत की। आज के ही दिन से खरीफ

अभियान की शुरूआत होती है।अलग-अलग दलों का किया गठन :

नगर के बाबा बूढ़ेनाथ मंदिर में गंगा दशहरा पर्व उल्लास से मनाया गया। इस दौरान सभा में स्वामी योगानंद गिरि ने कहा आधुनिकता के दौर में मानव पश्चिमी देशों की सभ्यता से प्रभावित होकर अपने सनातन धर्म को भूलता जा रहा है। यह स्थिति संपूर्ण समाज के लिए विष के समान है। संत समाज को आगे आकर सनातन धर्म के केंद्र ¨बदु गंगा, गौ, ब्राह्मण और मंदिरों की रक्षाकर अपने धर्म का पालन करना चाहिए। इस दौरान सनातन संस्कृति रक्षा दल का गठन किया गया। इसका जिला अध्यक्ष दिवाकर मिश्र व सचिव संकल्प पाठक को नामित किया गया। साथ ही गंगा रक्षा दल की जिम्मेदारी गजानंद अमर, गौ रक्षा दल का दायित्व सिद्धार्थ मिश्र को सौंपा गया। इसी तरह संत व मंदिर रक्षा दल का प्रभारी महंत कमलेशानंद महाराज व कमलनयन दास महाराज और ब्राह्मण रक्षा दल का प्रभार जगदीश द्विवेदी तथा अवनीश शुक्ल को सौंपा गया। वक्ताओं ने अपने कर्तव्य का पालन और सनातन धर्म की रक्षा का संकल्प लिया। दिवाकर मिश्र ने आभार जताया।बरियाघाट पर की गंगा आरती : आध्यात्मिक साधना पीठ चैरिटेबल

ट्रस्ट की ओर से बरियाघाट पर भव्य गंगा आरती उतारी र्गइ। इस दौरान निराला जी महराज ने कहा हम ¨हदू अंतिम सांस के वक्त भी मां गंगा का जल ग्रहण कर संसार से विदा होना चाहते हैं। यदि हम गंगा को स्वच्छ बनाने में योगदान नहीं करेंगे तो प्रदूषित जल ग्रहण कर इस संसार से विदा होना पडेगा। उन्होंने गंगा में

कूड़ा नहीं फेंकने का आह्वान किया। इस दौरान अशोक केशरवानी, प्रेमजी, एमएम द्विवेदी आदि थे।


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