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अस्ताचलगामी भगवान भाष्कर को दिया गया अ‌र्घ्य

मीरजापुर: चार दिनों तक चलने वाले सूर्योपासना के प्रमुख पर्व डाला छठ (सूर्यषष्ठी) के क्रम में बुधवार

By Edited By: Published: Wed, 29 Oct 2014 09:30 PM (IST)Updated: Wed, 29 Oct 2014 09:30 PM (IST)
अस्ताचलगामी भगवान भाष्कर को दिया गया अ‌र्घ्य

मीरजापुर: चार दिनों तक चलने वाले सूर्योपासना के प्रमुख पर्व डाला छठ (सूर्यषष्ठी) के क्रम में बुधवार को अस्ताचलगामी भगवान भाष्कर को अ‌र्घ्य दिया गया। इसके लिए गंगाघाटों सहित अन्य नदी व जलाशयों के तटों पर महिलाओं सहित बच्चों की भीड़ उमड़ी रही। इस दौरान बरिया व कचहरी घाट पर तो मेला लगा रहा। घाटों पर पुलिस फोर्स की तैनाती की गई थी। असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा रही थी।

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अ‌र्घ्य के लिए नगर के बरियाघाट, पक्केघाट, नारघाट, सुंदरघाट, कचहरीघाट के अलावा विंध्याचल के विभिन्न गंगाघाटों सहित ग्रामीण क्षेत्रों में नदी व जलाशयों के किनारे व्रती महिलाओं सहित उनके परिजनों के पहुंचने का सिलसिला शाम चार बजे से शुरू हो गया था। घाटों पर पहुंचकर व्रती महिलाएं जहां वेदी का पूजन कर फल आदि से भरे सूप को हाथ में लेकर पानी में खड़ी होकर भगवान सूर्य की स्तुति कर रही थीं, वहीं अन्य महिलाएं छठी मइयां का गीत गा रही थीं। इसके साथ ही बच्चे व युवा पटाखा फोड़ने के साथ ही घाटों पर लगे दुकानों से गुब्बारा आदि की खरीदारी कर रहे थे। जैसे ही शाम पांच बजकर 20 मिनट पर भगवान भास्कर अस्ताचलगामी हुए दूध व गंगाजल से अ‌र्घ्य देने का सिलसिला शुरू हो गया। इस दौरान भगवान सूर्य व छठ मइया का जयकारा भी लगा। अ‌र्घ्य देने के बाद महिलाएं छठी मइया का गीत गाते डाल व सूप लेकर घरों को चल दी। गुरुवार को सुबह उदयाचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य देने के बाद व्रत का परायण हो जाएगा।

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चुनार, जमालपुर व अहरौरा में भी हुई पूजा

चुनार (मीरजापुर): सूर्य उपासना के सबसे बड़े पर्व डाला छठ के अवसर पर बुधवार की शाम बड़ी संख्या में व्रती महिलाओं ने बालूघाट स्थित गंगा तट पर अस्ताचलगामी भगवान भाष्कर को अ‌र्घ्य दिया। इस मौके पर महिलाओं ने गंगा में खड़ा होकर सूर्यदेव को अ‌र्घ्य देते हुए पुत्रों की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली की कामना की। इसके पूर्व विधिवत पूजा अर्चना की। दोपहर करीब तीन बजे से ही गंगा तट पर जाने के लिए नगर में लोगों का तांगा लग गया। मूलत: बिहार प्रदेश में मनाए जाने वाले इस लोक पर्व की आस्था से धीरे धीरे यहां के लोग भी जुड़ चुके हैं। पुरुष सिर पर डलिया व सूप में पूजन सामग्री के साथ आगे चल रहे थे। तमाम परिवार बैंड-बाजे के साथ गंगा तट पर पहुंचे। इस मौके पर नगर पालिका परिषद चुनार की ओर से महिलाओं को वस्त्र बदलने के लिए टेंट लगवाया गया था। इसके साथ जेनरेटर द्वारा विद्युत प्रकाश की व्यवस्था की गई थी। सीओ पीके वर्मा व कोतवाल पीसी यादव पुलिस बल के साथ सुरक्षा व्यवस्था में लगे रहे। गंगा तट पर महिलाओं की भारी भीड़ के चलते जाम की स्थिति बनी रही।

जमालपुर प्रतिनिधि के अनुसार: महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य देकर अपने पुत्रों के दीर्घायु होने की कामना की। गरई नदी में हसौली, करजी, ओड़ी, गोगहरा आदि स्थानों पर छठ पूजा के लिए घाट बनाए गए। साथ ही बहुआर तालाब, जमालपुर तालाब समेत अन्य तालाबों पर भी महिलाओं की भारी भीड़ दिखाई दी। घाटों पर व्यवस्था ठीक न रहने से पूजा के दौरान महिलाओं को भारी समस्या हुई।

अहरौरा प्रतिनिधि के अनुसार: महिलाओं ने पारंपरिक ढंग से विधिविधान पूर्वक मनाया। इस मौके पर नगर के पुराना पोखरा, सहुआइन पोखरा, रामसरोवर तालाब, पांडेय जी पोखरा पर अस्ताचल सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ महिलाओं ने पूजा अर्चन किया। इस दौरान पुरुष सिर पर सूप व दौरी लेकर पूजा स्थल तक गए।

राजगढ़ प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के नदिहार स्थित आदर्श तालाब में बुधवार को दर्जनों महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उनके परिजन उपस्थित रहे।


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