कागज पर जिला अस्पताल,काम मंडलीय में
मीरजापुर: मंडलीय अस्पताल कहने को है यहां कागजों में काम अब भी जिला अस्पताल का हो रहा है। यहां न तो ड
मीरजापुर: मंडलीय अस्पताल कहने को है यहां कागजों में काम अब भी जिला अस्पताल का हो रहा है। यहां न तो डाक्टर व कर्मी बढ़ाए गए और न ही सुविधाएं बढ़ी हैं, यहां तक कि मरीजों को दी जाने वाली पर्चियों तक को नहीं बदला गया है। अस्पताल स्टेशनरी के अभाव से जूझ रहा है। स्थिति यह हो रही है कि इमरजेंसी वार्ड में कुत्ता काटने की सूई के रजिस्टर पर मरीज भर्ती किए जा रहे हैं।
बैरिस्टर युसुफ इमाम जिला अस्पताल को मंडलीय अस्पताल का दर्जा मिले एक वर्ष से अधिक समय हो गया। सीएमएस की जगह यहां एसआइसी बैठने लगे। शासन ने भले ही इसे मंडलीय अस्पताल बना दिया है लेकिन अस्पताल की कार्यप्रणाली पुराने ढर्रे की है। अस्पताल में जो स्टेशनरी प्रयुक्त की जा रही है उसमें जिला अस्पताल ही लिखा है। कंप्यूटर से बनने वाली मरीजों के पंजीयन की रसीद, शैय्या पत्रक (बीएसटी) भी जिला अस्पताल के नाम से ही बनाई जा रही है। इसी तरह ओपीडी और इनडोर, कार्डियोसाजिस्ट व पैथालाजी डिपार्टमेंट की पर्चियां और रिपोर्ट जिला के नाम से ही तैयार हो रही है।