दुर्घटना को दावत दे रहे मानवरहित रेलवे क्रासिंग
मीरजापुर: चुनार-चोपन रेल प्रखंड पर लगभग एक दर्जन रेलवे क्रासिंग ऐसी हैं जहां पर न तो गेट लगा है और न ही वहां पर कर्मचारियों की तैनाती रहती है। कई बार भिड़ंत भी हो चुकी है लेकिन समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। दो वर्ष पहले उत्तर मध्य रेलवे इलाहाबाद जोन के जीएम अरविंद कुमार यहां आये थे तो उन्होंने सभी जगहों पर क्रासिंग खत्म कर अंडरग्राउंड रास्ता निर्माण का वादा किया था। प्रस्ताव भी बना और फाइल रेलवे बोर्ड को भेजी गयी। लूसा स्टेशन के समीप अंडरग्राउंड रास्ता निर्माण की कवायद शुरू भी हुई लेकिन मामला खटाई में पड़ गया। निर्माण ठप होने से आसपास के लोगों में आक्रोश है।
क्षेत्र के निवासी राम सुरेश सिंह ने कहा कि मानव ट्रेनों की संख्या बढ़ती जा रही है। पहले की अपेक्षा लोगों के पास संसाधन भी बढ़े हैं। पहले आमतौर पर लोगों के पास साइकिल रहती थी तो लोग देखकर क्रासिंग पार करते थे अब तो हर घर में मोटर साइकिल है। हर गांव में चार पांच चार पहिया वाहन है। हर दस मिनट पर क्रासिंग लोग आर पार करते हैं। लेकिन रेल प्रशासन पुरानी व्यवस्था के सहारे काम चला रहा है। ऐसे में तो दुर्घटना बढ़ेगी ही। मानवरहित रेलवे क्रासिंग पर आयेदिन हो रही दुर्घटना से भी रेल महकमा सबक नहीं ले रहा है।