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अभियंताओं से पूछा, कैसे हो गुणवत्ता में सुधार

By Edited By: Published: Fri, 25 Jul 2014 08:49 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jul 2014 08:49 PM (IST)
अभियंताओं से पूछा, कैसे हो गुणवत्ता में सुधार

मीरजापुर: अपने तीन दिन के निरीक्षण के दौरान प्रमुख सचिव नवतेज सिंह जहां जहां गए हर जगह उन्हें गुणवत्ता खराब मिली। इस पर उन्होंने शुक्रवार को विकास भवन सभागार में जिले भर के कार्यदायी संस्थाओं को बुलाकर उन्हीं से यह जानना चाहा कि आखिर निर्माण में गुणवत्ता कैसे सुधरे। लगभग दो घंटे तक यह दौर चला।

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सूत्रों के मुताबिक लोकनिर्माण विभाग के एक एक्सईएन ने कहा कि सर गुणवत्ता कैसे सुधरेगी यहां पर तो ऐसे ऐसे विभागों को पचासों करोड़ का काम दे दिया गया है जिनका यहां कार्यालय भी नहीं है। कोई वाराणसी तो कोई इलाहाबाद में कार्यालय खोलकर आठ-आठ जिले का काम देख रहा है। मानीटरिंग तो होती नहीं तो कहां से सुधार होगा। कहा कि ऐसे आठ दस कार्यदायी संस्थाएं हैं जिनके पास करोड़ों का काम है लेकिन कार्यालय यहां पर खोजे नहीं मिलेंगे। ज्यादातर विभागों के परियोजना प्रबंधक तो आयुक्त व डीएम तक की बैठकों में नहीं आते हैं। अच्छा तो यह होगा कि शासनस्तर पर पहल कर किसी एक कार्यदायी संस्था को एक जिले का बजट दिया जाए और उसके कार्य की मानीटरिंग की जाए। तभी गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। इस पर प्रमुख सचिव ने सहमति जताई। एक्सईएन ने यह भी कहा कि एक दो विभाग ऐसे हैं जहां पर लाखों का काम बगैर टेंडर के कराया जाता है। शासनस्तर से ही उनकी सेटिंग रहती है और काम हथिया लेते हैं। ऐसे लोगों का काम भला कैसा होगा। एक विभाग के एक्सईएन ने कहा कि सर्किट हाउस का निर्माण राजकीय निर्माण निगम द्वारा नौ करोड़ की लागत से कराया जा रहा है जबकि उनका विभाग उसे पांच लाख में करा सकता है। करोड़ों का धन दुरुपयोग किया जा रहा है। सबसे पहले तो सभी कार्यदायी संस्थाओं का कार्यालय जिले व मंडल स्तर पर लोक निर्माण विभाग की तरह खोला जाय। यहां पर अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित की जाय तभी गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।


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