लाखों खर्च फिर भी बदहाल तालाब
मीरजापुर : जनपद मुख्यालय से करीब चार किलोमीटर दूर सिटी विकास खंड के राजपुर गांव के समीप स्थित डेढ़ सौ साल पुराना ऐतिहासिक तालाब का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।
जानकारों के अनुसार इस तालाब का निर्माण नगर के एक व्यवसायी द्वारा कराया गया था। उनका मीरजापुर से लेकर चुनार तक लाही का कारोबार था। माल बैलगाड़ी से भेजते थे। रास्ते में जगह-जगह ठहरने के लिए तालाब, कुंआ व धर्मशाला का निर्माण करवाया गया था। अब न तो कारोबार रहा और न ही कोई ऐतिहासिक तालाब के जीर्णोद्धार पर ध्यान ही दे रहा है।
मनरेगा के तहत तालाब का चार साल पहले जीर्णोद्धार कराया गया था लेकिन निर्माण में मानक की अनदेखी किए जाने से तालाब की सीढि़यां ध्वस्त हो गई हैं। मिट्टी से तालाब पट गया है। गरमी में आज भी इसमें इतना पानी रहता है कि पशु के पीने के काम आता है। राजापुर गांव निवासी रवींद्र सिंह का कहना है कि मनरेगा में एक-एक तालाबों की खोदाई तीन-चार बार करा दी जा रही है लेकिन इस तालाब की योजना अधिकारी क्यों नहीं करवा पा रहे हैं समझ से परे है जबकि तालाब का सुंदरीकरण करवा दिया जाय तो जल भंडारण की क्षमता बढ़ जाएगी।
इस संबंध में पूछे जाने पर सीडीओ विवेक पांडेय ने बताया कि सभी तालाबों के जीर्णोद्धार की योजना मनरेगा में बनायी गई है।