दिल्ली बुलाकर दिया था लोकसभा का टिकट
लालगंज (मीरजापुर) : बात वर्ष 1981 की है। जब मीरजापुर-भदोही लोकसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा था। उस समय पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उमाकांत मिश्र को दिल्ली बुलाकर टिकट दिया था। इसकी उस समय काफी चर्चा रही।
मीरजापुर के तत्कालीन सांसद अजीज इमाम का निधन होने के कारण मीरजापुर-भदोही क्षेत्र में उपचुनाव होना था। इंदिरा गांधी ने उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे राजा विश्वनाथ प्रताप सिंह से पूछा कि मीरजापुर-भदोही से किसको टिकट दिया जाय। उस समय एमएलसी रहे उमाकांत मिश्र का नाम विश्वनाथ प्रताप द्वारा बताया गया था। इंदिरा गांधी ने पंडित जी को तुरंत दिल्ली बुलवाया। उमाकांत मिश्र दिल्ली पहुंचे तो इंदिरा गांधी ने पूछा कि उमाकांत मिश्रजी क्या मीरजापुर-भदोही से चुनाव जीत जाएंगे, इस अवसर पर इन्होंने कहा कि आपका आशीर्वाद रहेगा तो निश्चित ही चुनाव जीत जाएंगे।
इंदिरा गांधी ने तुरंत आवेदन लेकर चुनाव की तैयारी करने के लिए मीरजापुर भेज दिया था। उस समय मीरजापुर-भदोही समेत पूरे उत्तर प्रदेश में तीन जगह उपचुनाव होना था। इसमें इलाहाबाद व अमेठी भी शामिल था। अमेठी के सांसद संजय गांधी के निधन के बाद पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी को अमेठी से, विश्वनाथ प्रताप सिंह को मुख्यमंत्री बनने के बाद रिक्त हुई सीट इलाहाबाद से केपी तिवारी और अजीज इमाम के निधन के बाद मीरजापुर से पं. उमाकांत मिश्र को टिकट मिला था। श्री मिश्र ने उपचुनाव जीतकर इंदिरा से किया वादा पूरा कर दिखाया। ईमानदारी व सादगी के प्रतीक उमाकांत के बारे में आज भी बड़े बुजुर्ग चर्चा करते हैं।