कर्ज में डूबे किसान कर रहे आत्महत्या
राजगढ़ (मीरजापुर): कर्ज से दबे किसान आत्महत्या कर रहे हैं। भाकियू ने राज्य व केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजकर क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित करने के साथ ही किसानों का ऋण माफ करने की मांग की है।
यहां के ज्यादातर क्षेत्रों में खेती भगवान भरोसे हो रही है। सिंचाई का समुचित साधन न होने के कारण हर साल फसलों पर प्रकृति का प्रकोप हो जाता है। इस वर्ष आंधी-तूफान व बेमौसम बरसात ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी। ऐसी स्थिति में किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है।
देखा जाए तो किसानों की सुविधा के लिए नक्सल क्षेत्र में खेतों की सिंचाई के लिए सोनलिफ्ट परियोजना की स्थापना की गई है लेकिन तीस वर्ष बाद भी यह परियोजना पूरी नहीं हो पाई। इससे विंध्य क्षेत्र का अति उपजाऊ भू-भाग सूखा ही रह जा रहा है। धनरौल बांध से भी अब मीरजापुर जिले के किसानों को अपेक्षित पानी नहीं मिल पाता है इसलिए हर साल किसानों की फसल सूख जा रही है। किसान नेता लक्ष्मी नारायण सिंह ने कहा है कि सरकार उद्योगपतियों व कारपोरेट जगत को 22 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दे रही है लेकिन किसान जो सबका पेट भरता है, उसकी माली हालत सुधारने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। बकाये की वसूली के लिए आरसी तक काट दी जा रही है।