रिटायर्ड कर्नल की कोठी से होटलों में Meat supply करतीं थीं लग्जरी गाडिय़ां
प्रशांत बिश्नोई वन्य जीव शिकार के बाद मांस को फ्रीजर लगी गाडिय़ों से घर लाता था। यहां से नामचीन होटलों में सप्लाई की आशंका जताई जा रही है।
मेरठ (जेएनएन)। शूटर प्रशांत बिश्नोई जंगल में वन्य जीव-जंतुओं का शिकार करने के बाद उनके मांस को फ्रीजर लगी गाडिय़ों से घर ले आता था। यहां से मांस को फ्रीजर में स्टोर करके नामचीन होटलों में सप्लाई की भी आशंका जताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, वन्य जीवों का मांस खाने के शौकीन प्रशांत के संपर्क में रहते थे। बताया जाता है कि मेरठ के कई फार्म हाउस में भी वन्य जीवों के मांस की पार्टियां होती थीं। डीआरआइ की टीमें इस बात की भी जांच पड़ताल में जुटी हैं कि वन्य जीव-जंतुओं का मांस किन होटलों में और राज्यों में सप्लाई हो रहा था।
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भारी मात्रा में वन्य जीवों का मांस
प्रशांत बिश्नोई के घर से छापामारी के दौरान डीप फ्रीजर में रखे 45 पैकेटों में 117 किलो वन्य जीवों का मांस बरामद हुआ। प्रशांत के घर में खड़ी टोयोटा कार की डिग्गी में भी फ्रीजर लगा हुआ था। घर में इतना मांस डीप फ्रीजर में रखे होने से साफ है कि वन्य जीव जंतुओं के मांस को लग्जरी गाडिय़ों में लगे फ्रीजर में रखकर होटलों में सप्लाई किया जाता था। इस मांस को होटल संचालक मनमाने दामों पर अपने खास ग्राहकों को ही परोसते थे। सूत्रों के मुताबिक सबसे ज्यादा डिमांड हिरण, सांभर और नील गाय के मांस की रहती है।
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स्लाटर हाउस मालिकों से संपर्क
विदेशों में मांस सप्लाई करने वाले स्लाटर हाउस के मालिकों से भी प्रशांत के संपर्क हो सकते हैं। टीमों का मानना है कि ये मांस तो बहुत कम मात्रा में है। हो सकता है कि कहीं भारी मात्रा में वन्य जीवों का मांस रखा हुआ हो। इसकी जानकारी प्रशांत के पकड़े जाने के बाद ही हो पाएगी। प्रशांत का अक्सर उत्तराखंड में आना-जाना रहता था। वहीं शिकार की बात कही जा रही है। टीमें इस बात का पता लगा रही हैं कि जंगल में उसका साथ कौन-कौन देते थे।
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घर पर रसूखदारों का आना-जाना
प्रशांत बिश्नोई के घर पर काफी रसूखदारों का आना-जाना था। इनमें से कौन-कौन उसके साथ वन्य जीवों के मांस सप्लाई के धंधे से जुड़े हैं, इसकी भी छानबीन चल रही है। रविवार को भी सुबह से शाम तक रिटायर्ड कर्नल देवेंद्र कुमार बिश्नोई से मिलने के लिए परिचितों का तांता लगा रहा। कई तो प्रशांत को बचाने के लिए सिफारिशों में जुटे रहे।
गिरफ्तारी होगी या सरेंडर
प्रशांत के खिलाफ डीआरआइ और वन विभाग की तरफ से गंभीर धाराओं में कार्रवाई की जा रही है। प्रशांत की फरारी के बाद से उसके नजदीकी भी सहायता करने में जुट गए हैं। सफेदपोश चाह रहे हैं कि प्रशांत पकड़े जाने की बजाय सरेंडर कर दे ताकि वे लोग न फंस सके।
लाइसेंस मेरठ ट्रांसफर कराने की फिराक में था
प्रशांत बिश्नोई नई दिल्ली स्थित डा. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में प्रैक्टिस करता था, किंतु पिछले एक साल से वह दोस्तों के साथ मेरठ की शूटिंग रेंज में दिलचस्पी लेने लगा। उसने हथियारों का लाइसेंस दिल्ली से लिया था, जिसे मेरठ ट्रांसफर कराने की फिराक में था। हालांकि नए प्रशासनिक नियमों के तहत यह काम ज्यादा जटिल था। गत दिनों गुरुग्राम में प्रशांत ने बिग बोर 300 मीटर प्रॉन में 600 में से 537 अंक जुटाए, जिससे वह रिनाउंड कटेगरी में पहुंच गया।
अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों से संबंध
प्रशांत तमाम अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों से भी संबंध रखता था। अंतरराष्ट्रीय गोल्फर ज्योति रंधावा एवं जसपाल राणा को भी उसके मित्रों में बताया जा रहा है, जबकि मेरठ में डिफेंस कालोनी में रहने वाले एक गोल्फर से भी उसकी खासी नजदीकी है। प्रशांत के घर में हथियारों का जखीरा मिलने के बाद अब उसके लाइसेंस पर प्रश्न उठ रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि प्रशांत के घर में ऐसे तमाम हथियार मिले हैं, जिसका न तो लाइसेंस था, और न ही खरीद फरोख्त के कागज। इसमें कई हथियार ऐसे हैं, जिसका निशानेबाजी में इस्तेमाल नहीं होता।
ये हैं मानक
- अर्जुन अवार्डी खिलाड़ी-15 लाइसेंस। सालभर में दो लाख कारतूस खरीद सकता है।
- अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी-10 लाइसेंस, एक लाख कारतूस और प्वाइंट 8 एमएम हथियार रख सकता है।
- नेशनल खिलाड़ी-सात लाइसेंस, 50 हजार कारतूस रख सकता है।
- एक राष्ट्रीय खिलाड़ी कुल सात हथियार रख सकता है।
- एक इवेंट में चार, जबकि तीन पब्लिक हथियार रख सकता है। दो इवेंट में 10 रख सकता है।