Move to Jagran APP

महकमों के रिंग से बाहर निकले प्रस्ताव तो खुल पाएगा इनर रोड का रास्ता

मेरठ में 34 किमी लंबी इनर रिंग रोड का प्रावधान किया गया था। लेकिन अभी इसके बनने में कितना समय बाकी है यह कहना मुश्किल है। महकमे को ही इसके लिए सक्रियता दिखानी होगी।

By Ashu SinghEdited By: Published: Wed, 20 Mar 2019 11:04 AM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2019 11:04 AM (IST)
महकमों के रिंग से बाहर निकले प्रस्ताव तो खुल पाएगा इनर रोड का रास्ता
महकमों के रिंग से बाहर निकले प्रस्ताव तो खुल पाएगा इनर रोड का रास्ता
मेरठ, [प्रदीप द्विवेदी]। मेरठ महायोजना -2021 में मेरठ शहर में 34 किमी लंबी इनर रिंग रोड का प्रावधान किया गया था। वैसे इसे बनाने के लिए शासन स्तर से कभी कदम नहीं बढ़े पर स्थानीय स्तर पर इसकी मांग बुलंद रही। जनप्रतिनिधि और नेता इसके निर्माण की उम्मीद जताते रहे। उधर,कमिश्नर स्तर से भी इसके निर्माण को लेकर गंभीरता दिखती रही। कमिश्नर बदलते रहे पर सब की प्राथमिकता में इनर रिंग रोड रहा। हालांकि नेता रहे हों या प्रशासनिक अधिकारी,इसके लिए शासन से धन नहीं ले सके।
धन की दिक्कत आड़े आई
कभी-कभार उसके सिर्फ आधे हिस्से को ही बनाने का विचार बना जिस पर करीब 500 करोड़ रुपये खर्च होने थे,मगर इसके लिए भी कोई सरकार से धन नहीं दिलवा सका। सरकारें आईं और गईं और परिणाम यह है कि 20 साल बाद भी प्रस्ताव विभाग दर विभाग घुमाया जा रहा है। फिलहाल इसके लिए हाल ही में कमिश्नर अनीता सी. मेश्रम ने एनएचएआइ को यह प्रस्ताव भिजवाया है। जाम से जूझते शहर को इनर रिंग रोड मिल जाए तो काफी राहत मिलेगी। फिर भी उम्मीद कायम है,इसलिए कि इनर रिंग रोड शहर से गुजरने वाले कई राष्ट्रीय राजमार्गो को कनेक्ट कर रही है। राष्ट्रीय राजमार्गो की यह लिंक रोड हो सकती है।
एनएचएआइ तैयार होगा या नहीं
बीस साल बाद भी इनर रिंग रोड का प्रस्ताव प्रशासन अपने ही रिंग में घुमा रहा है। पहले इसे बनाने की जिम्मेदारी एमडीए को मिली फिर पीडब्ल्यूडी को दी गई और अब कुछ समय पहले इसे बनाने के लिए एनएचएआइ के हवाले किया गया है। पर देखना यह होगा कि एनएचएआइ इसे बनाने को तैयार होता है या नहीं। अगर तैयार होता है तो क्या पूरा 34 किमी बनाएगा या फिर सिर्फ 10 किमी वाला हिस्सा।
जुर्रानपुर फाटक के पास लटका है ओवरब्रिज
इनर रिंग बनाने के लिए जुर्रानपुर फाटक के पास रेल पटरी पर एक ओवरब्रिज छह साल पहले बनाया गया था। इस ब्रिज का ऊपरी हिस्सा बनाकर छोड़ दिया गया था। उससे संबंधित बाकी काम नहीं हुआ।
वर्तमान में कहां है इनर रिंग रोड का प्रस्ताव
इनर रिंग रोड बनाने के लिए कमिश्नर की ओर से भेजा गया पत्र वर्तमान में एनएचएआइ के दिल्ली में बैठे चेयरमैन के पास है। कमिश्नर की पहल पर एनएचएआइ के बागपत स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक ने प्रस्ताव को दिल्ली मुख्यालय भेजा था। चुनाव बाद फिर इस पर माथापच्ची शुरू होगी कि चेयरमैन का इस प्रस्ताव को लेकर क्या रुख है।
प्रस्ताव में कराया संशोधन
दरअसल कमिश्नर अनीता सी. मेश्राम ने आते ही इसके प्रस्ताव को पहले पीडब्ल्यूडी से संशोधित कराया था। पूरे 34 किमी की रोड का बजट 1,166 करोड़ रुपये आ रहा था। इस पर उन्होंने प्रस्ताव को दो चरणों में कराया। प्रथम चरण में 10.950 किमी का ही निर्माण होना है। इस प्रस्ताव पर 410 करोड़ रुपये खर्च होने थे। यह प्रस्ताव शासन के पास गया मगर वहां से धन जारी नहीं हुआ। इस पर कमिश्नर ने इसे एनएचएआइ के हवाले कर दिया। दरअसल,यह रोड राष्ट्रीय राजमार्गो को लिंक करती है। इससे अधिकतर बड़े वाहन ही गुजरेंगे।
यह है प्रथम चरण
पहले चरण के निर्माण में 416 करोड़ लागत का अनुमान है। इसकी कुल लंबाई 15.050 किमी होगी। इस हिस्से में से मेरठ-गढ़ मार्ग से एनएच-235 तक कुल लंबाई 4.100 किमी का निर्माण एमडीए और आवास विकास करा रहा है। (करीब साढ़े तीन किमी निर्माण लोहियानगर-जागृतिविहार के पास हो चुका है) एनएच-235 से दिल्ली-हरिद्वार बाइपास तक कुल लंबाई 10.950 किमी होगी। इसका निर्माण लोनिवि करेगा। फिलहाल इसी 10.950 किमी का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
यह है द्वितीय चरण
द्वितीय चरण के निर्माण पर 750 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसकी कुल लंबाई 19.230 किमी होगी। मेरठ-गढ़ मार्ग से विभिन्न मार्गों को पार कर रोड एनएच-58 पर पहुंचेगी। इसका निर्माण भी लोनिवि को करना है। इस हिस्से में से गंगानगर एक्सटेंशन में करीब 750 मीटर लंबी रोड एमडीए बनवा रहा है।
अधिग्रहण पर इतना होगा खर्च
रिंग रोड के चौड़ीकरण के लिए पहले चरण में कुल 24.95 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा जिस पर 151 करोड़ रुपये खर्च होंगे। ऐसे ही द्वितीय चरण के लिए 85 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा जिस पर 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रिंग रोड के निर्माण के कुल बजट का करीब 60 प्रतिशत भाग अधिग्रहण पर ही खर्च होगा। 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.