सुप्रीम कोर्ट के आदेश का असर नहीं, मेरठ में बीवी को दिया ट्रिपल तलाक
पत्नी के मुताबिक पति पहले से ही उसे दहेज के लिए परेशान करता था, सोमवार को भी पति ने उसे घर से निकाल दिया था।
लखनऊ (जेएनएन)। सुप्रीम कोर्ट ने भले ही तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया हो लेकिन अभी एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो इसे मानने को तैयार नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को इस पर रोक लगा दी थी। लेकिन मेरठ में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें पति ने अपनी पत्नी को तीन तलाक दे दिया।
पत्नी के मुताबिक पति पहले से ही उसे दहेज के लिए परेशान करता था। सोमवार को भी पति ने उसे घर से निकाल दिया था। ऐसे में जब पत्नी ने उसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में बताया तो पति ने कई लोगों के सामने ही उसे तलाक दे दिया। पीड़ित महिला ने थाने में मामले की शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
सरधना कस्बे के मोहल्ला कमरा नवाबान निवासी अरशी खान की शादी छह साल पहले मोहल्ले के ही सिराज खान से हुई थी, दोनों के तीन बच्चे भी हैं। पत्नी का आरोप है कि शादी के समय से ही पति उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करता रहा है। मांग पूरी न होने पर वह पत्नी को तलाक देने की धमकी भी देता रहा। इसी को लेकर पीड़िता को सोमवार की शाम मारपीट करके घर से निकाल दिया।
पीड़िता की मानें तो मंगलवार को दोनों पक्षों में सुलह के प्रयास के लिए मायके और ससुराल वालों की मीटिंग हुई। इसी बीच मायके वालों ने तलाक पर आए सुप्रीम कोर्ट फैसले का हवाला दिया तो पति ताव में आ गया। उसने तुरंत भरी मीटिंग में पत्नी को तीन बार तलाक कह दिया।
तलाक की इस प्रकिया के खिलाफ पत्नी ने भी मोर्चा खोल दिया है। उसने पूरे मामले की शिकायत थाना सरधना पुलिस से करते हुए न्याय की गुहार लगाई है। हालांकि पुलिस को ये फैसला लेने में समय लगा कि किन धाराओं में मुकदमा कायम किया जाए।
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मेरठ में एसपी देहात राजेश कुमार ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर दहेज उत्पीड़न और मारपीट की धाराओं में ससुराल पक्ष पर मुकदमा कायम किया गया है।
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