शास्त्रीय नृत्य-संगीत को संरक्षण दे कारपोरेट सेक्टर : शर्मिष्ठा
शास्त्रीय नृत्य अपने देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब ख्याति प्राप्त कर रहा है। ऐसा नहीं है कि सरकार इसके प्रति गंभीर नहीं है।
मेरठ (जेएनएन)। शास्त्रीय नृत्य अपने देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब ख्याति प्राप्त कर रहा है। ऐसा नहीं है कि सरकार इसके प्रति गंभीर नहीं है। अनेक सरकारी योजनाएं हैं, जिससे कलाकार विदेशों में भी प्रस्तुति देने जाते हैं। कारपोरेट सेक्टर को भी शास्त्रीय नृत्य और संगीत के प्रोत्साहन के लिए आगे आना चाहिए। कल्चरल मैनेजमेंट को पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पुत्री और प्रख्यात कत्थक नृत्यांगना शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पत्रकार वार्ता में ये बातें कहीं।
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भैंसाली मैदान में इस्कॉन के श्री कृष्ण जन्म महोत्सव में प्रस्तुति देने आई शर्मिष्ठा ने मारवाड़ी भोज में पत्रकारों से बात की। हाल ही में फेसबुक पर उन्हें अश्लील मैसेज भेजने वाले के खिलाफ एफआइआर कराने और महिलाओं पर अपराध के बारे में कहा कि महिलाओं को मुखर होना होगा। सड़क हो या सोशल मीडिया कोई अभद्रता करे तो आवाज उठानी होगी। राजनीतिक सवालों पर चुप्पी साध ली। कहा कि वे कलाकार के तौर पर मेरठ आई हैं। उप्र की राजनीति के सवाल पर बोलीं कि पार्टी ने मौका दिया तो जरूर यहां राजनीतिक पारी खेलना चाहूंगी। श्रीकृष्ण लीलाओं के मंचन पर कहा कि उन्हें शुरू से ही श्रीकृष्ण में आसक्ति है। फिल्मों या बॉलीवुड में प्रस्तुति से उन्होंने साफ इंकार किया। कहा कि धार्मिक या सामाजिक आयोजनों में प्रस्तुति से आत्मसंतुष्टि मिलती है। मेरठ पहली बार आने के सवाल पर शर्मिष्ठा बोलीं कि अनेक दोस्त मेरठ में रहे हैं। मेरठ मेरे लिए नया नहीं है।