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तूफानी भुवी में दिखा अस्सी के दशक का करंट

जागरण संवाददाता, मेरठ: फटाफट क्रिकेट भले ही बल्लेबाजों की अंगुली पर नाचती है, किंतु मेरठ में भामाशाह

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 May 2017 02:21 AM (IST)Updated: Mon, 22 May 2017 02:21 AM (IST)
तूफानी भुवी में दिखा अस्सी के दशक का करंट
तूफानी भुवी में दिखा अस्सी के दशक का करंट

जागरण संवाददाता, मेरठ: फटाफट क्रिकेट भले ही बल्लेबाजों की अंगुली पर नाचती है, किंतु मेरठ में भामाशाह पार्क के बादशाह भुवनेश्वर कुमार ने अपनी धारदार गेंदबाजी से अस्सी के दशक की याद ताजा कर दी। आइपीएल के दस संस्करणों में भुवी लगातार दो बार पर्पल कैप जीतने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर बन गए। मेरठ की माटी का लाल 14 मैचों में 26 विकेट झटककर एक बार फिर दुनिया में पूरी तरह बेजोड़ साबित हुआ। इंग्लैंड में खेली जाने वाली चैंपियंस ट्राफी को लेकर भुवी से उम्मीदें बढ़ गई हैं। इंग्लैंड में भारी मौसम और स्विंग के मददगार विकटों पर खेलना उनके लिये किसी चुनौती से कम नहीं होगा।

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आइपीएल में धुआंधार बल्लेबाजों के बीच भुवी ने गेंदबाजी की खोई साख को नई ताकत दे दी। मुंबई इंडियंस बनाम पुणे वारियर्स के बीच खिताबी भिड़ंत में सबकी निगाह बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट पर टिकी थी। इस मैच से पहले उनादकट ने 11 मैचों में 22 विकेट लिए थे। भुवी का रिकार्ड तोड़ने के लिए उनादकट को मुंबई इंडियंस के पांच खिलाड़ियों को पैवेलियन भेजना था, किंतु वह दो विकेट ही ले सके। जबकि भुवनेश्वर की टीम हैदराबाद सनराइजर्स इलीमिनेटर राउंड में हारकर फाइनल की दौड़ से बाहर हो गई थी। आइपीएल के पिछले संस्करण में भुवनेश्वर कुमार ने जहां बेजोड़ गेंदबाजी करते हुए पर्पल कैप झटका था, वहीं इस बार भी चुनौती कम नहंी थी। दुनिया के तमाम खतरनाक गेंदबाजों के बीच भुवनेश्वर की सधी हुई तेज गेंदों ने उन्हें लगातार दूसरी बार पर्पल कैप दिला दी। मिश्ेाल जानसन, बुमराह, लसिथ मलिंगा जैसे तमाम घातक गेंदबाजों को मीलों पीछे छोड़ते हुए भुवी ने बैटिंग ट्रैक पर भी बल्लेबाजों को खुलकर रन बटोरने की आजादी नहीं दी।

पुणे सुपरजाइंट के तेज गेंदबाज उनादकट ही भुवी के आसपास फटकते नजर आए। भुवी ने हैदराबाद सनराइजर्स के साथ लगातार तीसरा सत्र पूरा किया। 17 अप्रैल को किंग्स इलेवन के खिलाफ 19 पर देकर पांच विकेट लेने वाले भुवी ने स्पर्धा में चार बार दो-दो विकेट हासिल किया, जो बड़ी उपलब्धि है। भुवनेश्वर कुमार की सधी हुई गेंदबाजी का नमूना ये भी है कि अब तक 116 टी-20 मैचों में 18.9 की जबरदस्त स्ट्राइक रेट के साथ 134 विकेट ले चुके हैं।

अब तो गति पर भी भरोसा करते हैं भुवी

2012 में पाकिस्तान के खिलाफ एक दिनी, जबकि 2013 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच का आगाज करने वाले भुवनेश्वर ने अपनी गति में औसतन पांच से दस किमी प्रति घंटा का इजाफा किया। भुवी ने इस बार आइपीएल में घातक यार्कर से भी बड़े बल्लेबाजों का स्टंग उखाड़ा। सटीक लेंथ, चतुराई भरा बदलाव और जाइुर्द स्विंग ने भुवी को गेंदबाजों के लिए अबूझ पहेली बना दिया।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

यूपी किस कदर टैलेंट से भरा हुआ है, भुवनेश्वर इसकी बड़ी मिसाल है। तूफानी बल्लेबाजी की दौर में भुवी की गेंदों पर रन बनाना आज भी आसान नहीं। भुवी ने देश मान बढ़ाया है। विश्वस्तरीय गेंदबाजों के बीच लगातार दूसरी बार पर्पल कैप पर कब्जा वाकई हैरतअंगेज है।

युद्धवीर सिंह, सचिव, यूपीसीए।

भुवनेश्वर कुमार ने वक्त की नब्ज को भांपते हुए न सिर्फ गति की धार बढ़ा दी, बल्कि घातक यार्कर से भी विरोधियों को जमींदोज किया। इंग्लैंड के दौरे में भुवी की गेंदें कहर ढा सकती हैं। मेरठ गर्व से फूला नहीं समा रहा।

संजय रस्तोगी, पूर्व कोच, भुवनेश्वर कुमार।

भुवनेश्वर कुमार अभी और आगे जाएगा। उसकी गेंदों में रिचर्ड हेडली जैसा अनुशासन और कपिल जैसी बेहिसाब स्विंग है। रफ्तार बढ़ाने के बाद वह वकार यूनुस की तरह घातक नजर आ रहा। कर्ण शर्मा ने भी स्पर्धा में 14 विकेट लेकर मेरठ का करंट दिखाया।

अतहर अली, पूर्व कोच, कर्ण शर्मा।

जहां हर ओवर में ताबड़तोड़ चौकों और छक्कों की वजह से गेंदबाजों का मनोबल जवाब देने लगता है, वहीं भुवनेश्वर का मनोबल अटूट निकला। भुवी ने दिखाया कि वह विकेट के लिए पिच और मौसम का मोहताज नहीं है।

रवीन्द्र चौहान, पिच क्यूरेटर, यूपीसीए।


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