आखिर कब तक होगा राष्ट्रीय ध्वज का अपमान?
मेरठ : एमडीए व नगर निगम की खींचतान में सूरजकुंड में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान जारी है। यहां लगा ध्वज क
मेरठ : एमडीए व नगर निगम की खींचतान में सूरजकुंड में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान जारी है। यहां लगा ध्वज कब फट जाए या कब गायब हो जाए किसी को पता नहीं। दोनों विभागों की आंखें भी तभी खुलती हैं जब राष्ट्रीय ध्वज के अपमान की खबरें अखबारों की सुर्खियां बनती हैं। हो-हल्ला होने पर अधिकारी आनन-फानन में नया झंडा फहरा देते हैं लेकिन कुछ दिनों बाद हालात फिर जस के तस हो जाते हैं। कुछ दिन पूर्व फहराया गया ध्वज गुरुवार को फिर गायब हो गया। खबर छपी तो एमडीए अफसरों की नींद टूटी और तर्क दिया गया कि झंडा हवा में फट गया था। उसे ठीक करने के लिए उतारा गया है।
मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा 10 मई 2016 को सूरजकुंड पार्क में 41 मीटर ऊंचे पोल पर 20 फुट लंबा व 30 फुट चौड़ा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था। राष्ट्रीय ध्वज तो फहरा दिया गया लेकिन उसकी देखरेख और रखरखाव का कार्य निगम और एमडीए ने भगवान भरोसे छोड़ दिया। यही कारण रहा कि राष्ट्रीय ध्वज कभी फट जाता है, कभी गायब हो जाता है। यह ध्वज बजाज कंपनी के माध्यम से अवस्थापना निधि के 21 लाख रुपये के खर्च से लगा था। एमडीए अफसर इस ध्वज की देखरेख से पीछा छुड़ाना चाहते हैं जबकि नगर निगम प्रशासन का कहना है कि ध्वज एमडीए ने लगाया है तो उसकी देखरेख भी उसी के जिम्मे है।
पिछले दिनों यह झंडा फट गया। जिसे हंगामा मचने पर बदला गया था। उक्त ध्वज भी फट गया था। गुरुवार को अचानक यह फिर गायब हो गया। एमडीए उपाध्यक्ष योगेंद्र यादव ने बताया कि ध्वज काफी बड़ा तथा भारी है, जो हवा से फट जाता है। फटने के कारण ही ध्वज को उतारा गया है। शुक्रवार शाम तक ध्वज लगाने का निर्देश दिया लेकिन देर रात तक भी ध्वज नहीं दिखा। यादव ने कहा कि पार्क निगम को हस्तांतरित है लिहाजा वहां लगे ध्वज की देखरेख की जिम्मेदारी भी निगम की है। महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने कहा कि एमडीए अफसर राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इसकी देखरेख एमडीए की ही जिम्मेदारी है। कहा कि वे इस संबंध में कमिश्नर को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग करेंगे। ध्यान रहे कि पूर्व में भी महापौर ने यही बयान दिया था लेकिन आज तक तो कोई कार्रवाई नजर आई नहीं।