शासन के नियमों में फंसे जिले के आलू किसान
मेरठ : जिले में आलू की बंपर पैदावार किसानों के लिए इस बार मुसीबत का कारण बन गई है। अपनी दिक्कतों के
मेरठ : जिले में आलू की बंपर पैदावार किसानों के लिए इस बार मुसीबत का कारण बन गई है। अपनी दिक्कतों के चलते गुरुवार को भी किसानों ने कमिश्नरी के गेट पर आलू फेंक कर प्रदर्शन किया। उधर, किसानों के जाते ही राहगीरों और कमिश्नरी के कर्मियों में सड़क पर पड़े आलू को लूटने के लिए मारामारी मच गई। कई लोग अपने साथ लाए बैग में आलू भरकर ले गए।
शासन ने आलू खरीद के लिए क्रय केंद्र खोलने के निर्देश जारी किए थे। क्रय केंद्रों पर आलू खरीद के लिए नियम भी तय किए गए। तय नियमों के अनुसार केंद्र पर 30 से 55 एमएम साइज का ही आलू खरीदा जाना है। लेकिन इस बार आलू की फसल काफी अच्छी हुई है और साइज भी 80 एमएम तक है। ऐसे में किसान अपने बड़े साइज के आलू को लेकर दुविधा के शिकार है, क्योंकि बड़ा आलू को क्रय केंद्र पर खरीदा नहीं जा रहा। अपनी इन्ही परेशानियों के समाधान की मांग को लेकर माछरा, पसवाड़ा, अमरपुर, हसनपुर आदि गांवों के किसान कमिश्नरी के गेट पर पहुंचे और कई बोरे आलू सड़क पर फेंक कर प्रदर्शन किया। किसान जयदीप सिंह बताया कि जनपद में आलू खरीद के लिए कुल तीन क्रय केंद्र खोले हैं। जबकि हजारों कुंतल आलू किसानों के घर पर पड़ा हुआ है। उधर, आलू के साइज को लेकर तय नियम सबसे अधिक परेशानी वाला है। बड़ा साइज का अधिक आलू किसानों के पास है। जबकि क्रय केंद्र पर मध्यम साइज के आलू खरीद का नियम बनाया हुआ है। ऐसे में किसान अपने आलू को लेकर कहां जाए। किसानों ने आलू के साइज को लेकर बनाए नियम को वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया और डीएम आफिस में ज्ञापन सौपा। इस दौरान किसान आंदोलन संगठन के सदस्य भी मौजूद रहे। मुख्य रूप से मदनपाल, कुलदीप त्यागी, राजपाल सिंह, दीपक कुमार, अनिल कुमार आदि मौजूद रहे।