ये यूपी बोर्ड की स्मार्ट क्लास है..
मेरठ : जो कक्षा कभी बोझिल हुआ करती थी, वहां पढ़ाई आकर्षक करने लगी है। स्कूल से बचने वाले बच्चे अब अ
मेरठ : जो कक्षा कभी बोझिल हुआ करती थी, वहां पढ़ाई आकर्षक करने लगी है। स्कूल से बचने वाले बच्चे अब अधिक संख्या में आने लगे हैं। शिक्षक-शिक्षिका को पढ़ाता देख जिन्हें नींद आती थी, अब वही बच्चे झूमते, गाते और नाचते हुए पढ़ाई कर रहे हैं। ये नजारा स्मार्ट क्लास का है। ये स्मार्ट क्लास किसी पब्लिक स्कूल में नहीं बल्कि यूपी बोर्ड के अंतर्गत संचालित खालसा गर्ल्स इंटर कालेज में चल रही है। स्कूल की छात्राओं के लिए नए सत्र की शुरुआत उम्मीदों से अधिक रोचक रही है। शुरुआती दिनों में जहां कुछ बच्चे ही कक्षा में पहुंचते हैं, वहीं शुरू से ही उपस्थिति देखने लायक है।
मस्ती के साथ पढ़ाई
स्मार्ट क्लास में आधुनिक पाठ्य सामग्री को बच्चों के लिए बेहद रोचक बनाया गया है। जो कविताएं व पहाड़ा उन्हें रटाया जाता था, उसे अब बच्चे गाकर पढ़ रहे हैं। साउंड सिस्टम और प्रोजेक्टर व टीवी स्क्रीन पर बच्चों को जो पढ़ाया जाता है, वही लिखा हुआ देखते हैं और सटीक उच्चारण भी सुनाई देता है। इससे जहां बच्चों को मस्ती-मस्ती में पढ़ाना रोचक हुआ, वहीं बच्चे भी तेजी से सीख रहे हैं। इस पाठ्यक्रम में बच्चों के लिए मूल्यों की शिक्षा भी दी जा रही है, जिससे उन्हें सदाचार व आचरण भी साथ-साथ सिखाया जा सके।
रोचक हुआ विषयों को पढ़ना-पढ़ाना
स्मार्ट क्लास पाठ्यक्रम में ¨हदी व अंग्रेजी विषयों के साथ ही गणित, विज्ञान, इतिहास, भूगोल आदि विषयों के पाठ्यक्रम भी शामिल हैं। शिक्षक कक्षा में जो भी पढ़ाती हैं उसका प्रैक्टिकल भी बच्चों को उसी समय दिखाने व समझाने में सक्षम हैं। भौतिक व रसायन विज्ञान के विषयों में अब इक्वेशन के एप्लीकेशन को विजुअल सपोर्ट के साथ क्लास में ही दिखाया जाता है, जिससे हर क्रिया पर होने वाली प्रतिक्रिया भी उसी समय दिख जाती है।
स्मार्ट क्लास के दिख रहे ये फायदे
स्कूल में स्मार्ट क्लास चलने से बालिकाओं की उपस्थिति में बढ़ोतरी दिख रही है। बच्चों में टीवी देखने की प्रवृत्ति उनके लिए पढ़ाई को रोचक बना रही है। पढ़ाई में मन लगने से वे तस्वीरों को ध्यान से देखते व ऑडियो को सुनते हैं। इससे बच्चों के उच्चारण में भी सुधार होगा। आने वाले दिनों में बच्चों के लिए यह स्मार्ट पाठ्यक्रम घर के लिए लिए भी उपलब्ध होगा।
टीचर्स की हुई है ट्रेनिंग
स्कूल में स्मार्ट क्लास शुरू करने से पूर्व सभी शिक्षिकाओं को बाकायदा प्रशिक्षित किया गया है। स्कूल में कई शिक्षिकाएं पब्लिक स्कूलों में पढ़ाने के बाद आयोग से चयनित होकर आई हैं। इसलिए उन्हें स्मार्ट क्लास में बच्चों को ढालने में सहजता हो रही है। पांच कक्षाओं में स्मार्ट क्लास चलने से सभी शिक्षिकाएं सभी कक्षा को इससे जोड़ रही हैं।
अंग्रेजी पर है जोर
स्कूल में कक्षा एक से 12वीं तक इंग्लिश मीडियम की कक्षाएं भी संचालित हो रही हैं। स्मार्ट क्लास का पूरा लाभ फिलहाल इंग्लिश मीडियम की छात्राओं को ही मिल रहा है। कक्षा एक से 10वीं तक सभी विषय और 11वीं व 12वीं में विज्ञान विषयों को स्मार्ट क्लास पाठ्यक्रम से पढ़ाया जा रहा है। जुलाई से कॉमर्स विषयों के पाठ्यक्रम भी इससे जुड़ जाएंगे। वहीं बुधवार व शनिवार को ¨हदी मीडियम के बच्चों को भी स्मार्ट क्लास से रूबरू कराया जाता है, जिससे वे विषयों को बेहतर ढंग से समझ सकें।
इनका कहना है..
बच्चों की पढ़ाई रुचिकर ही होनी चाहिए और हमें स्मार्ट क्लास में बढ़ी हुई रुचि दिख रही है। पब्लिक स्कूलों में मोटी फीस लेकर स्मार्ट क्लास बनाई जा रही हैं। हम लोगों ने कोशिश की है कि इन बच्चों को उसी फीस में स्मार्ट एजुकेशन दें, जिससे ये समाज में पीछे न छूट जाएं।
-डा. मनु भारद्वाज, खालसा गर्ल्स इंटर कालेज
बच्चों को भायी स्मार्ट शिक्षा
-यह क्लास ज्यादा अच्छी है। हमें पढ़ने में खूब मजा आ रहा है।
-जोया, कक्षा दो
-पिक्चर्स के साथ पढ़ाने से पूरा समझ में आता है। अब रोज स्कूल आएंगे।
-गौरी, कक्षा दो
-पिक्चर और म्युजिक के साथ पढ़ाई अच्छी लग रही है। हम सब गाकर पोयम पढ़ते हैं।
-मिशबा, कक्षा दो
-इसमें तो सारे टेबल्स गाकर ही याद हो गए। ये क्लास पुरानी क्लास से अच्छी है।
-ज हा, कक्षा तीन।