मुख्यमंत्री लखनऊ में प्रधानों को देंगे 'योगी मंत्र'
नवनीत शर्मा, मेरठ विकास और स्वच्छता का रथ अपने गांव में दौड़ने वाले प्रधानों का सामना अब प्रदेश के
नवनीत शर्मा, मेरठ
विकास और स्वच्छता का रथ अपने गांव में दौड़ने वाले प्रधानों का सामना अब प्रदेश के मुखिया से होगा। मुख्यमंत्री ने ऐसे खास प्रधानों को लखनऊ में आमंत्रित किया है।
24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायतीराज दिवस पर प्रदेशभर के प्रधान मुख्यमंत्री के रूबरू होंगे। इसके लिए डा. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी आशियाना लखनऊ में समारोह का आयोजन किया जा रहा है। योगी से सीधा संवाद करने के लिए जिले में 36 प्रधानों की लिस्ट तैयार की गई है। प्रधानों को गुरुवार को विकास भवन के सभागार में समारोह से संबंधित जानकारी भी उपलब्ध कराई गई। इस दौरान प्रधानों ने अपनी बात को अधिकारियों के समक्ष रखा। साथ ही मुख्यमंत्री के सामने जाने से पहले अपने मन की बात पर मंथन भी किया। प्रधानों के अनुसार पहला मौका है जब मुख्यमत्री ने प्रधानों को संवाद के लिए आमंत्रित किया है।
महिलाओं ने फिर मारी बाजी
जिले की 482 ग्राम पंचायतों में से 166 पर महिला प्रधानों का कब्जा है। पंचायती राज विभाग के अनुसार जिले में सबसे अधिक विकास वाले गांवों की महिला प्रधान ही मुखिया है। महिला प्रधानों ने अपने गांवों को पुरूष प्रधानों से पहले खुले में शौच मुक्त किया। इसके अलावा गुजरात में भी महिला प्रधानों ने ही जनपद की अगुवाई की। पिछले दिनों दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में भी एक मात्र महिला प्रधान ने जनपद का प्रतिनिधित्व किया। अब लखनऊ में आयोजित समारोह में शामिल होने के लिए भी 14 महिला प्रधानों ने निर्धारित की गई लिस्ट में जगह बनाई है। जबकि विभिन्न कारणों से दस से अधिक महिला प्रधानों ने अपना नाम चयनित होने के बाद वापस लिया।
लखनऊ जाने वाले प्रधान
रणजीत सिंह, जयवीर सिंह, बाबू सिंह, इरशाद अली, ओमवीर सिंह, देवेंद्र शर्मा, शशिकांत शर्मा, धर्म सिंह, संदीप तोमर, शिवकुमार, राजेंद्र कुमार, शाहदीप, रामाधीन, विक्की, गंगाराम, ललित कुमार, जीत खां, प्रवीण, जगवीर सिंह, सतेंद्र कुमार, सुशील कुमार, भोपाल सिंह शामिल है। जबकि महिला प्रधानों में सविता देवी, ममता, मंजू, शबाना, सुरेश बाला, सुरेंद्री नागर, कुसुम लता, सीमा, मंजू सिवाच, ममता, आरती, सीमा देवी, बबली, उमेश देवी शमिल है।
इन्होंने कहा-
प्रधान मुख्यमंत्री से संवाद करने को लेकर काफी उत्साह में हैं। खासकर महिला प्रधान। महिला प्रधान इस बार भी पुरूषों के मुकाबले अधिक संख्या में चयनित की गई थी। लेकिन विभिन्न कारणों ने कई ने अपना नाम वापस ले लिया।
-अनिल सिंह, डीपीआरओ।