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जिला सहकारी बैंक की फाइलों से भरा कैंटर छोड़ भागे

जागरण संवाददाता, मेरठ : जिला सहकारी बैंक की फाइलों से भरे कैंटर को बीच सड़क पर स्टाफ के छोड़ भागने से

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Mar 2017 02:08 AM (IST)Updated: Wed, 29 Mar 2017 02:08 AM (IST)
जिला सहकारी बैंक की फाइलों से भरा कैंटर छोड़ भागे
जिला सहकारी बैंक की फाइलों से भरा कैंटर छोड़ भागे

जागरण संवाददाता, मेरठ : जिला सहकारी बैंक की फाइलों से भरे कैंटर को बीच सड़क पर स्टाफ के छोड़ भागने से संदेह हो गया। कैंटर के निकलने पर मीडियाकर्मियों ने फोटो खींच ली थी। माना जा रहा है कि सरकार बदलने के बाद कहीं कैंटर में पुरानी फाइलों के साथ घपलों की फाइलों को खत्म करने की साजिश तो नहीं? सपा के जिलाध्यक्ष और डिप्टी रजिस्ट्रार के आदेश पर ही फाइलों की नीलामी की गई। मामला मीडिया में आने के बाद कैंटर को रोक दिया। डीएम से जिलाध्यक्ष ने जांच कराने के लिए पत्र जारी कर दिया।

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मंगलवार को कचहरी पुल के पास जिला सहकारी बैंक से फाइलें भरकर कैंटर में ले जाई जा रही थीं। मीडियाकर्मियों के मौके पर पहुंचने पर कैंटर को कर्मचारी और चालक चौराहे पर छोड़कर भाग गए। संदेह किया जा रहा था कि कैंटर में पुरानी फाइलों के साथ घपले की कुछ फाइलों को भी खत्म किया जा रहा था। दरअसल, जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन सपा के जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह हैं। ऐसे में सभी को शक हो रहा है कि सरकार बदलते ही फाइलों को ठिकाने लगाने की कोई योजना तो नहीं है। कैंटर के बाद कर्मचारी भी गायब हो गए। काफी देर तक पुलिया के पास खड़े रहे कैंटर की जानकारी सपा के जिलाध्यक्ष को दी गई। उन्होंने फाइलों से भरे कैंटर को फिलहाल रोक दिया। जयवीर सिंह ने बताया कि रिजर्व बैंक की गाइड लाइन है कि 15 साल के पूरे रिकार्ड को खत्म कर दिया जाए। कैंटर में भरी हुई सभी फाइलें 2000 से पहले की हैं। बाकायदा उनकी नीलामी सहारनपुर की संस्था ने कराई है। डिप्टी रजिस्ट्रार राजेश वशिष्ठ का आदेश भी नीलामी के साथ लगा हुआ है। जयवीर सिंह ने कहा कि छह माह पहले भी सात कैंटर भरकर फाइलों को नष्ट किया गया था। हाल में सीएम के स्वच्छता अभियान से सीख लेकर पुरानी फाइलों को खत्म किया जा रहा था।

डीएम की ओर से होगी जांच : जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह ने कैंटर को बैंक प्रांगण में खड़ा कराने के बाद डीएम को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया कि कैंटर में भरी फाइलों की विस्तार से जांच कराई जाए। इसके बाद ही फाइलों को नष्ट किया जाएगा। पत्र के साथ रिजर्व बैंक की गाइडलाइन का पत्र भी लगा दिया है। इधर, डिप्टी रजिस्ट्रार राजेश वशिष्ठ ने कॉल रिसीव नहीं की।


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